मिशन शक्ति के तीसरे का शुभारंभ: सीतारमण ने सराहा

लखनऊ। जब प्रोत्साहन मिलता है, अवसर मिलता है तो महिला उसमें शामिल होने में कोई संकोच नहीं करती। महिलाएं शामिल होने के बाद परिणाम देने में भी कोई कमी नहीं करती है, यही महिला की विशेषता है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘मिशन शक्ति के तीसरे चरण के शुभारम्भ पर बोल रही थीं। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। ‘मिशन शक्ति’ के तीसरे चरण का यह अभियान 31, दिसंबर 2021 तक चलेगा। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘मिशन शक्ति’ के तीसरे चरण के समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सीतारमण ने अभियान की सराहना की। मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्तमंत्री ने कहा, ऐसे ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रहने से ही राज्य प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकता है। मुझे भरोसा है कि उत्तर प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और उसमें महिलाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका दिखेगी। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारी किसी भी योजना के केंद्र में महिला होनी चाहिए और इस विषय को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं की सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए कार्य कर रहे हैं। मिशन शक्ति के तीसरे चरण के शुभारंभ के मौके पर केन्द्रीय वित्त मंत्री ने गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 5100 करोड़ रुपये जारी किए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री काल का प्रसंग सुनाते हुए बताया पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने विशेष प्रयत्न किया था। मोदी जी जब 2014 में मुख्यमंत्री पद छोडक़र प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली आने से पहले मिले उपहारों की नीलामी कर कन्या शिक्षा के मद में दे दिया। मोदी जी की प्राथमिकता में महिला है, जनधन हो, उज्ज्वला योजना हो, स्वामित्व हो, पोषण अभियान हो या मुद्रा लोन हो, सबमें महिलाओं को ही अग्रणी स्थान मिला है। प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो अधिक से अधिक महिलाओं को मंत्री बनने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास से अधिक से अधिक टीके का उत्पादन हो रहा है और कोरोना काल में हम अधिक से अधिक लोगों को टीके की खुरका दे सकेंगे जिससे आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी। टीकाकरण में गभर्वती महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है।