लाठीचार्ज के बाद उग्र हो रहा है किसान आंदोलन

डेस्क। हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान आंदोलन के नेताओं ने प्रदर्शनों को और और तीव्र करने का आह्वान किया है. सितंबर में उत्तर प्रदेश में विशाल महापंचायतों के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है.28 अगस्त को हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई है. लाठीचार्ज में कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. किसानों का दावा है कि लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान की मृत्यु हो गई, लेकिन प्रशासन ने इस दावे से इंकार किया है. किसान विशेष रूप से करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सिन्हा को पुलिस को “सर फोड़ दो किसानों के” कहते हुए सुना जा सकता है. किसान आंदोलन के नेताओं, एक्टिविस्टों और राजनीतिक दलों ने पुलिस की कार्रवाई और विशेष रूप से एसडीएम के बर्ताव की आलोचना की है और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है. चक्का जाम बल्कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी लाठीचार्ज की निंदा की और और सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया. इसके विपरीत मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान अगर पत्थर फेंके जाएंगे और राज्यमार्ग को ब्लॉक किया जाएगा तो पुलिस को कदम उठाने पड़ेंगे. करनाल में हुई घटना के विरोध में 29 अगस्त को किसानों ने कई स्थानों पर चक्का जाम किया. पंजाब में हजारों किसान सडक़ों पर आ गए और कम से कम दो घंटों के लिए सभी राज्य और राष्ट्रीय राज्यमार्गों को ब्लॉक किया।