यूपी के दैनिक वेतन भोगी कर्मी होंगे रेगुलर

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लखनऊ। यूपी की कैबिनेट की बैठक में मंत्रिपरिषद ने निर्णय लेते हुए 31 मार्च 1996 तक राजकीय विभागों, स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों, स्थानीय निकायों, विकास प्राधिकरणों एवं जिला पंचायतों आदि में दैनिक वेतन वर्क चार्ज एवं संविदा के आधार पर नियुक्त व वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों को रेगुलर करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से लगभग 5,000 कार्मिक लाभान्वित होंगे जिसमें लगभग 90 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक वित्तीय व्यय भार निहित होगा। विनियमितीकरण में सीजनल संग्रह अमीन/ सीजनल अनुसेवक, उद्यान विभाग/ कृषि विभाग/ कृषि शिक्षा विभाग के अंतर्गत सीजनल कार्य हेतु लगाए गए कार्मिकों, मनरेगा/ आंगनबाड़ी/ आशा बहू/ होमगार्ड स्वयंसेवक/ प्रान्तीय रक्षक दल स्वयं सेवक/ शिक्षा मित्र/ किसान मित्र अथवा भारत सरकार/ राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के आधीन मानदेय या अन्य आधार पर रखे गए कर्मचारी सम्मिलित नहीं होंगे। शासन की पूर्व स्वीकृति के बिना तदर्थ, संविदा, नियत वेतन, दैनिक वेतन, वर्क चार्ज आदि के रूप में नियुक्तियां किए जाने के कृत्य को दण्ड की श्रेणी में माना जाएगा और इस प्रकार से नियुक्त किए गए कार्मिकों को हुए भुगतान की वसूली नियुक्ति करने वाले अधिकारी के वेतन व अन्य देयों से की जाएगी।