यूपी कांग्रेस ने भरी हुंकार: प्रियंका करेंगी बेड़ा पार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव कऱीब हैं और हर तरफ़ राजनीतिक गहमागहमी शुरू हो गयी है। उत्तर प्रदेश को केंद्र बनाकर देश की आज़ादी के महान संघर्ष का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस पार्टी सूबे के हालात से न सिर्फ़ चिंतित है, बल्कि नफऱत और बदहाली के दलदल से इस प्रदेश को बाहर निकालने के लिए एक वृहत कार्ययोजना के साथ मैदान में है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जि़लों और 403 विधानसभाओं में पहले दौर का प्रशिक्षण से पराक्रम अभियान चलाया गया। इस अभियान के ज़रिये अब तक 24 हज़ार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। किसी भी दल को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन को आतुर है। कुछ राजनीतिक दल एसी हाल में बैठकर गोष्ठी कर रहे हैं। उनमें जमीन पर संघर्ष करने का माद्दा नहीं है। जबकि कांग्रेस लगातार सडक़ों पर उतरकर योगी सरकार की विफलताओं और जनविरोधी नीतियों के खि़लाफ़ लगातार संघर्ष करती रही है। उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर पूरे प्रदेश में संगठन मज़बूत किया जा चुका है। आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का न्याय पंचायत के स्तर तक ढांचा खड़ा हो गया है जिसे बूथ स्तर तक ले जाने की तैयारी है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को वैचारिक सेना में तब्दील करने के उद्देश्य से चल रहे प्रशिक्षण अभियान के तहत कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नये सिरे से कांग्रेस के इतिहास, उपलब्धियों और विचारधारा से लैस किया जा रहा है। साथ ही विपक्षी दलों की विफलताओं और उनकी रीति नीति की जानकारी दी जा रही है। कांग्रेस के कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर सत्ता और विपक्ष होने का नाटक करने वाले दलों के हर जुमले और छल का जवाब देने में जुट गये हैं। पार्टी की प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गाँधी ने बार-बार कहा है कि पार्टी सिर्फ चुनाव जीतने नहीं, बल्कि लोकतंत्र बचाने और हर प्रकार के शोषण, अत्याचार, दमन के खिलाफ मैदान में है। चुनाव के मोर्चे के साथ-साथ पार्टी को प्रदेश और देश बचाने की लड़ाई भी लडऩी है क्योंकि जिस संविधान के आधार पर आधुनिक और सेक्युलर भारत की बुनियाद रखी गयी थी, आज आरएसएस और उसके राजनीतिक प्रकोष्ठ बीजेपी के शासन में वह सर्वाधिक निशाने पर है। कांग्रेस पार्टी यूपी की राजनीति दिशा बदलने के लिए मैदान में उतरी है। यही वजह है कि कांग्रेस छद्म राष्ट्रवाद का मुकाबला करने के लिए संविधान आधारित राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करने वाले कार्यकर्ताओं की फौज तैयार करने में जुटी है। कांग्रेस का ‘प्रशिक्षण से पराक्रम महाभियान’ अभियान 24 अगस्त से शुरू हुआ था जो 7 सितंबर तक चला। इस दौरान प्रदेश के सभी 75 जि़लों में कांग्रेस की जि़ला-शहर कमेटियों से लेकर ब्लॉक, न्याय पंचायत कमेटियों तक के पदाधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया। पार्टी के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की इस टीम ने देश पर छाये मौजूदा संकट और कांग्रेस की ऐतिहासिक जि़म्मेदारी के बारे में कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया। इस बात पर विशेष चर्चा हुई कि किस तरह बीते 32 साल में बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने यूपी की सूरत बिगाड़ दी है और इतिहास की पुकार है कि कांग्रेस अपनी उसी धज के साथ तिरंगा लेकर मैदान में उतरे जैसा कि उसने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी।