बोलीं सीतारमण: अर्थव्यवस्था की मजबूती टीकाकरण से

तूतीकोरिन (तमिलनाडु)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र औषधि है क्योंकि यह लोगों को नियमित रूप से कारोबार करने या किसानों को खेती करने की अनुमति देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के 73 करोड़ लोगों ने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ले ली है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और अभी तक 73 करोड़ लोगों ने टीके की निशुल्क खुराक ले ली है। आज टीकाकरण कार्यक्रम के जरिए लोग कारोबार करने, व्यापारी कारोबार चलाने के लिए उत्पाद खरीदने, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने या किसान खेती करने के सक्षम हो पाए..इसलिए टीकाकरण ही अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए इस विषाणु से लडऩे की एकमात्र औषधि है। सीतारमण ने रविवार को यहां तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के शताब्दी समारोह में अपने संबोधन में ये टिप्पणियां की। तमिलनाडु में स्वास्थ्य मंत्रालय का रविवार को 40,000 शिविरों के जरिए 20 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है।वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर न आए। मान लीजिए अगर तीसरी लहर आती है तो सभी को अस्पतालों की उपलब्धता के बारे में सोचना होगा, अगर कोई अस्पताल है भी तो क्या उसमें आईसीयू है और अगर आईसीयू है तो क्या उसमें ऑक्सीजन है? इन सभी सवालों के लिए मंत्रालय ने एक योजना की घोषणा की है जिसमें अस्पतालों को अपने विस्तार में तेजी लाने की अनुमति दी गयी।’’सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पताल मंत्रालय द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ उठाकर विस्तारीकरण का काम कर सके। उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक की रिपोर्ट के जरिए हम देख सके कि वे मंत्रालय द्वारा घोषित योजनाओं को लाभार्थियों (अस्पताल) तक पहुंचा सके। आज के परिदृश्य में यह जरूरी है। न केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बल्कि निजी क्षेत्र के बैंकों को भी इसका पालन करना चाहिए।’’इससे पहले तूतीकोरिन में मई 1921 में बैंक की स्थापना करने के लिए नादर समुदाय की प्रशंसा करते हुए मंत्री ने कहा कि आज तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को ‘‘सार्वभौमिक स्वीकृति’’ मिल गयी है और यह सभी 26 राज्यों तथा चार केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मामलों पर काफी लिख चुके एक मशहूर ग्रीक लेखक ने भी अपनी किताब में नादर समुदाय का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, ‘‘तो आज यह केवल नादर समुदाय का बैंक या तूतीकोरिन का बैंक नहीं रह गया बल्कि इसकी देशव्यापी उपस्थिति है और इसमें 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा है।’’