प्रेमचंद गुप्ता ने डीएम को सौंपा बैंकों के उत्पीडऩ से व्यापारियों को बचाने हेतु मांग पत्र

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष सह जिला अध्यक्ष प्रेमचंद गुप्ता द्वारा बैंकों के विभिन्न प्रकार के उत्पीडऩ से व्यापारियों को बचाने हेतु जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन उन्होंने भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम लिखा है जिसमें व्यापारियों की पीड़ा को दर्शाने का प्रयास किया गया है। प्रेमचंद गुप्ता ने बताया कि कोविड-19 की वजह से लंबे समय तक लॉकडाउन लगे रहने के कारण उद्योग एवं व्यापार बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कोरोना महामारी की चपेट में समाज के अन्य वर्गों के साथ-साथ भारी संख्या में व्यापारी वर्ग तथा उनके स्टाफ तथा सहयोगी गण आए हैं। आर्थिक तंगहाली के कारण व्यापारियों द्वारा बैंकों के किस्त तथा ब्याज समय से जमा नहीं हो पाए। आए दिन समाचार पत्रों में व्यापारियों की संपत्तियों के कब्जे तथा नीलामी की खबरें प्रकाशित होती रहती है। इस संदर्भ में प्रेमचंद गुप्ता द्वारा वित्त मंत्री को व्यापारियों की वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 के बाद बैंकों की किस्त तथा ब्याज देर से जमा होने के कारण एनपीए हुए खाता धारी व्यापारियों को उनके खाते के नियमितीकरण हेतु 31 मार्च 2022 तक की अवधि प्रदान की जाए । इसके साथ ही व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यापारियों के सभी प्रकार के ऋण खातों के ब्याज को सरकार द्वारा माफ किया जाए । 31 मार्च तक किसी भी प्रकार के रण खाते को एनपीए में ना डाला जाए । इसके अलावा प्रेमचंद गुप्ता द्वारा सभी व्यापारियों को टर्न ओवर के आधार पर 20त्न अनुदान राशि दिए जाने की भी अपील की गई । प्रेमचंद गुप्ता द्वारा व्यापारियों के सभी ऋण खातों को एमपीए से मुक्त करने की बात भी इस ज्ञापन में कही गई। उन्होंने आगे कहा कि बैंकों द्वारा करंट अकाउंट खोलते समय जीएसटी सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। परंतु जीएसटी एक्ट के नियमानुसार 40 नाक के चरणों में चोली से व्यापार करने पर जीएसटी सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं रखा गया है । ऐसे में व्यापारियों द्वारा करंट अकाउंट खोलते समय जीएसटी सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को समाप्त करने की बात भी प्रेमचंद गुप्ता द्वारा इस ज्ञापन में कही गई है ।