कुमार संगकारा: फाइनल में कमाल न करने का मलाल

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खेल डेस्क। श्रीलंकाई क्रिकेट के महान खिलाड़ी कुमार संगकारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेढ़ दशक के अपने करियर को शानदार करार दिया लेकिन दो बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद आईसीसी वनडे विश्व कप नहीं जीत पाने का उन्हें अब भी मलाल है।
क्रिकेट जगत के सबसे कलात्मक बल्लेबाजों में से एक संगकारा ने अपने विदाई संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं 50 ओवरों का विश्व कप जीतना पसंद करता। हमारे पास दो मौके थे लेकिन हम चूक गये। यदि हम भारत के खिलाफ उसकी सरजमीं पर श्रृंखला जीत जाते तो यह शानदार होता। इसलिए कुछ चीजें हैं जो हो सकती थी लेकिन मेरा मानना है कि खेल इसी तरह से आगे बढ़ता है।
संगकारा ने कहा कि उन्हें मलाल है लेकिन इनको लेकर उनकी रातों की नींद नहीं उड़ी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग 28,000 रन बनाने वाले और 63 शतक जडऩे वाले संगकारा ने कहा, कुछ मलाल हैं लेकिन ऐसे मलाल नहीं कि जिनके बारे में मैंने वषरें तक सोचा हो या जिनसे मन खट्टा हो गया हो। मेरा करियर शानदार रहा। मैंने हार और जीत प्रत्येक का लुत्फ उठाया। अच्छे और बुरे दिनों दोनों का बहुत अच्छा अनुभव रहा। उन्होंने कहा, विदेशी सरजमीं विशेषकर आस्ट्रेलिया में कुछ टेस्ट मैच जीतना अच्छा रहता। मुझे पिछले साल का इंग्लैंड दौरा याद है जबकि हमने 1-0 से जीत दर्ज की थी। वह मेरा सर्वश्रेष्ठ विदेशी दौरा रहा।
संगकारा से पूछा गया कि वह भारत के खिलाफ सभी तीन टेस्ट मैचों में क्यों नहीं खेल रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह इस विषय में देश के क्रिकेट प्रमुखों के साथ पहले ही चर्चा कर चुके हैं। संगकारा विश्व कप 2015 के बाद आगे खेलने के लिये तैयार हो गये थे और तब संन्यास से पहले उनके लिये टेस्ट मैच तय कर दिये गये थे।
उन्होंने कहा कि दो-दो टेस्ट मैच (भारत और पाकिस्तान के खिलाफ) खेलने का कारण पिछली चयन समिति के साथ हुई बातचीत के आधार पर है जबकि मैं उनसे अपने भविष्य को लेकर बात कर रहा था। हालांकि यह आदर्श नहीं है। संगकारा ने कहा, मैंने विश्व कप के तुरंत बाद संन्यास की योजना बनायी थी लेकिन वे चाहते थे कि मैं कुछ और टेस्ट मैच खेलूं। तब मैंने उनके सामने यह पेशकश की थी कि मैं चार टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं। उन्होंने मान लिया था। इसलिए यह दो-दो टेस्ट मैचों की व्यवस्था की गयी। अपने करियर के अच्छे और बुरे दौर के बारे में बात करते हुए संगकारा ने लाहौर में 2009 में श्रीलंका टीम की बस पर आतंकी हमले के दिल दहला देने वाली घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, वह निश्चित तौर पर हमारे लिये बेहद डरावना पल था। लेकिन यह विशेषकर श्रीलंकाई टीम के लिये एक अनुभव था। हमारे खिलाड़ी चोटिल हुए थे और तिलन समरवीरा के पांव पर गोली लगी और ऐसा लग रहा था कि वह फिर से नहीं खेल पाएंगे और यहां तक कि उनकी जिंदगी को खतरा था लेकिन मैंने उन्हें डेढ माह बाद वापसी करके टेस्ट शतक जड़ते हुए देखा। हम इस स्थिति से बाहर निकलने में सफल रहे और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़े। संगकारा से सहयोग के लिये अपने मित्रों और परिजनों का आभार व्यक्त किया।