काशी विश्वनाथ कॉरीडोर: नजर आने लगी भव्यता

शैवाल सरन, वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम अब निर्माण के अंतिम पड़ाव पर है। 75 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं दिसम्बर में लोकार्पण का समय भी नियत कर दिया है। मंदिर परिसर व चौक को जोडऩे वाले प्रवेश द्वार का निर्माण पूर्ण हो चुका है। नक्काशी पत्थरों से बने गेट से बाबा दरबार से मां गंगे की ओर कॉरिडोर में आवागमन होगा। इसके आसपास की गैलरी का भी निर्माण हो चुका है। 7541 वर्गमीटर में फैले मंदिर चौक का निर्माण करीब 90 फीसदी हो गया है। मंदिर चौक के आसपास स्थित भवनों का निर्माण हो चुका है। अब केवल पत्थरों की क्लेडिंग और मार्बल लगाने का काम चल रहा है। चौक कॉरिडोर का सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला इलाका है। इसमें एक साथ 10 हजार श्रद्धालु इक_ा हो सकते हैं।
बाबा दरबार के आसपास का इलाका मंदिर परिसर के रूप में जाना जाता है। 3052 वर्ग मीटर वाले परिसर में चार द्वार खुल रहे हैं, जिसमें तीन द्वार बन चुके हैं। यहां भी 85 फीसदी से ज्यादा काम हो गया है। श्रद्धालु इसी परिसर में पहुंचकर बाबा का दर्शन-पूजन करेंगे। यह जल्द ही बाबा के भक्तों के लिए तैयार हो जाएगा। मैदागिन और गोदौलिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गोदौलिया गेट का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। चुनार के पत्थरों की डिजाइन से तैयार गेट को वहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति निहारते हुए जाता है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 24 भवन बनने हैं और सभी का सिविल कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हो चुका है। कॉरिडोर का मूल स्वरूप अब दिव्य और भव्य तरीके से नजर आने लगा है। फिनिशिंग का काम निर्धारत समय सीमा से पहले पूरा होने की अधिकारियों को उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास किया था। धाम के लिए जमीन खरीदने में लगभग 400 करोड़ रुपए और निर्माण कार्य में अब तक लगभग 339 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 50,200 वर्ग मीटर जमीन में लगभग 14,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में ढाई साल से जारी निर्माण कार्य के बीच कोरोना की पहली और दूसरी लहर में विश्वनाथ धाम का काम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। इन दिनों 1000 से ज्यादा मजदूर विश्वनाथ धाम के भवनों की फिनिशिंग और अन्य निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। काशी विश्वनाथ धाम को भव्य रूप देने के लिए 7 तरह के विशेष पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें बालेश्वर स्टोन, मकराना मार्बल, कोटा ग्रेनाइट और मैडोना स्टोन का मुख्य रूप से उपयोग किया जा रहा है। इस वजह से काशी विश्वनाथ धाम अलौकिक नजर आएगा। यहां मुख्य रूप से यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, स्प्रिचुअल बुक सेंटर, फूड कोर्ट और मुमुक्ष भवन से लेकर हर वो चीज होगी जो श्रद्धालुओं के साथ ही सैलानियों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त होगी।