धारचूला में गुलदार का कोहराम: लोग घरों में कैद

देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में धारचूला में गुलदार लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। जिला मुख्यालय से लेकर भारत-नेपाल सीमा पर बसे धारचूला तक गुलदार आबादी के बीच पहुंचकर दहाड़ रहे हैं। जंगल छोड़ गुलदारों के आबादी के करीब पहुंचने से लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हालात यह है कि प्रशासन को लोगों की सुरक्षा को देखते हुए कफ्र्यू तक लगाना पड़ रहा है।
नगर के बजेटी क्षेत्र में अभी गुलदार का आतंक थमा नहीं है कि धारचूला में भी गुलदार की दस्तक से लोग सहम गए हैं। सोमवार तडक़े तीन बजे के करीब 108 कर्मियों ने ग्रीफ कैम्प शिव मंदिर की समीप एक दीवार पर बैठा देखा। ईएमटी हिमांशु बिष्ट और चालक लक्ष्मण चंद ने बताया वह दोनों अस्कोट से रोगी को छोडक़र वापस धारचूला जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने गुलदार देखा। हालांकि बाद में गुलदार बगैर किसी को नुकसान पहुंचाए जंगल की ओर भाग गया। लेकिन आबादी के बीच गुलदार की दस्तक से लोग डरे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में गुलदार के हमले की घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन गुलदार कभी धारचूला नगर के इतने करीब नहीं पहुंचा। व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने प्रशासन से घटना को हल्के में न लेते हुए लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।