प्रेमचंद गुप्ता ने व्यापारियों की समस्याओं को लेकर मंत्री को लिखा पत्र

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। प्रमुख समाज सेवी एवं गाजियाबाद व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रेमचंद गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सूचित किया है कि फूड एक्ट अर्थात खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम में आ रही व्यापारियों की कठिनाई को स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में लाना आवश्यक है जिससे उनके द्वारा सुधार के निर्देश दिए जा सके । खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में 31 मार्च तक का लाइसेंस होने के बाद भी रिनुअल के समय एक माह पहले से ₹100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है । वैध लाइसेंस होने के बाद भी एक माह पहले से लेट फीस लगाया जाना व्यापारी उत्पीडऩ को बढ़ावा देता है । प्रेमचंद गुप्ता द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को अनुरोध किया गया है कि लाइसेंस की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद से लेट लगाए जाने के आदेश पारित किए जाएं। पैकिंग के आइटम में कंपनियों के साथ-साथ रिटेल के व्यापारियों को भी सजा व जुर्माने से दंडित किया जा रहा है जिसमें उसका कोई दोष नहीं होता सैपल पास होने पर भी पैकिंग पर छपे प्रिंटिंग मैटेरियल में कमी पाए जाने पर रिटेल के व्यापारियों पर जुर्माना आरोपित किया जा रहा है पैकिंग को रिटेल का व्यापारी नहीं छाप सकता है इसमें भी उसका कोई अपराध नहीं है अत: आपसे अनुरोध है कि पैकिंग पदार्थ के सैंपल भरे जाने पर यदि व्यापारी के पास बिल मौजूद है तो उसे सिर्फ गवाह बनाया जाए किसी भी तरह की सजा व जुर्माना कंपनी पर लगाया जाए। इसके अलावा छोटे कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए सरकार ने ₹100 प्रति वर्ष का रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी है परंतुभारतवर्ष के प्रत्येक जिले में रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी 10 से 25 बनाई गई है बड़े महानगरों में तो यह संख्या 40 के भी पार है जिससे व्यापारी को पता ही नहीं चल पाता है कि उसका लाइसेंस कौन बनाएगा । ऑनलाइन व्यवस्था होने के कारण यह व्यवस्था समाप्त कर प्रत्येक जिले में एक ही रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी बनाए जाने की व्यवस्था की जाए। जोमैटो स्वैगी विभिन्न पिज़्ज़ा कंपनी व अन्य तैयार खाद पदार्थ सप्लाई करने वाली कंपनियों के वेंडरों के पास कोई रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस नहीं है तथा फास्ट फूड व अन्य खाने-पीने का सामान सप्लाई करने वाली कंपनियों के डिलीवरी मैन से का कोई सैंपल नहीं भरा जा रहा है जिससे खाद पदार्थ की गुणवत्ता की जांच नहीं हो पाती है । सिर्फ छोटे व्यापारियों की सैंपलिंग कर जांच की जा रही है जो बिल्कुल गलत है । सैमसंग गुप्ता ने यह सुझाव दिया है कि कि मल्टीनेशनल कंपनियां स्वास्थ्य मंत्रालय ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई करने वालों के सामान स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सामग्री की क्वालिटी जांच व वेंडरों के लाइसेंस अनिवार्य किए जाने के आदेश हरित किया जाए। ट्रेनिंग के नाम पर ₹700 वसूले जा रहे हैं जिसका ठेका प्राइवेट कंपनियों को दिया गया है जो बिल्कुल गलत है । ट्रेंनिंग प्रोग्राम निशुल्क विभाग के अधिकारियों द्वारा चलाए जाना चाहिए । इस वसूली को बंद करवाने का अनुरोध स्वास्थ्य मंत्रालय से किया गया है । निर्माताओं के लिए विभाग द्वारा मांगी जा रही सालाना रिटर्न ऑडिट की व्यवस्था समाप्त की जाए । अधिकारियों द्वारा सैंपलिंग के समय सैंपल सीसी मौके पर सिल ना करने फार्म 5 मौके पर ना उपलब्ध कराने की शिकायतें लगातार प्राप्त होती है । अत सख्त आदेश पारित कर सिंपल सी सी मौके पर सील करने तथा फार्म 5 सैंपलिंग के समय तत्काल भरकर व्यापारिक उपलब्ध करवाने की बात भी प्रेमचंद गुप्ता द्वारा की गई है ।