मुम्बई के वॉटर डॉनों की बीएमसी कसेगा नकेल

watar supply
मुम्बई। देश की आर्थिक राजधानी का खिताब मुम्बई को मिला हुआ है। इस आर्थिक राजधानी में अर्थ बटोरने के लिए लोग सभी प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं। वैसे मुम्बई अपराध के लिए काफी कुख्यात है। बड़-बड़े डॉन यहीं पर रहे और अपना अनैतिक धंधा चलाया। इसी कड़ी में आजकल मुम्बई में वॉटर डॉन भी काफी हो गये हैं जोकि लोगों को पानी बेचते हैं और मुंहमांगा पैसा लेते हैं। आपको बता देंकि मुम्बई में आज भी पेयजल की काफी किल्लत है। ऐसे में यह वॉटर डॉन काफी फलफूल रहे हैं। इन्हीं डॉनों पर ब्रेक लगाने के लिए बीएमसी ने पानी चोरी कर मुंबईकरों को भारी कीमत में बेचने वाले वॉटर माफियाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। मुंबईकरों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बीएमसी ने वॉटर माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पानी चोरी करने वालों को जेल भेजा जाएगा और गैर जमानती कानून के तहत उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पानी चोरी के मामलों में कमी आने की संभावना है। बता दें कि हाल ही में एनबीटी ने वॉटर माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी, जिसके बाद बीएमसी प्रशासन ने हरकत में आते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन पर शिकंजा कंसने की तैयारी की है।
बीएमसी से मिली जानकारी के मुताबिक, बीएमसी मुंबई में प्रतिदिन 3750 एमएलडी पानी सप्लाई करती है, जबकि जरूरत 4750 एमएलडी पानी की होती है। इसमें से 40 पर्सेंट पानी चोरी और लीकेज में बर्बाद हो जाता है। मुंबई के कुर्ला, मानखुर्द, शिवाजीनगर, बैंगनवाडी, धारावी, गोवंडी, जोगेश्वरी, बांद्रा, बेहराम बाग, दहिसर और कांदिवली में बड़े पैमाने पर पानी की चोरी होती है। बीएमसी जलापूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुंबई में बड़े पैमाने पर वॉटर माफियाओं का जाल फैला हुआ है। बीएमसी के कुछ अधिकारियों की मदद से टैंकर लॉबी का वर्चस्व दिनोंदिन बढ़ रहा है। साथ ही टैंकर माफियाओं पर राजनीतिक पार्टियों का हाथ होने के कारण उन पर कड़ी कार्रवाई करना बेहद मुश्किल होता है। सूत्रों के मुताबिक, बीएमसी प्रशासन को हर महीने पानी चोरी और लीकेज होने के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए बीएमसी ने वॉटर माफियाओं पर शिकंजा कंसने की तैयारी की है।