प्रियंका की हुंकार: बीजेपी सरकार में केवल खरबपति मित्र सुरक्षित

शैवाल सरन, वाराणसी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल में सत्तारूढ़ दल के नेता, मंत्री और उनके चंद खरबपति मित्रों के अलावा कोई भी सुरक्षित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसान न्याय रैली को संबोधित करते उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी चरम पर है। कोरोना काल में छोटे व्यापारी और किसान तबाह हो चुके हैं जबकि प्रधानमंत्री के खरबपति मित्र हर रोज करोड़ों रुपये कमा रहे है। बड़ी संख्या में छोटे व्यापारियों को अपने काम बंद करने पड़े। सरकार की तरफ से उन्हे कोई राहत सरकार नहीं मिली। उन्हे जीएसटी और नोटबंदी के तौर पर सिर्फ प्रताडि़त किया गया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार निजीकरण के नाम पर रेलवे,हवाई जहाज, हवाई अड्डे, पीएसयू समेत तमाम सरकारी और अर्धसरकारी प्रतिष्ठान अपने खरबपति मित्रों को बेच रही है। पिछले दिनो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 हजार करोड़ रुपये खर्च कर अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदे जबकि एयर इंडिया को महज 18 हजार करोड़ में अपने दोस्त को बेच दिया। इस देश में किसान त्रस्त है, निषाद त्रस्त है,महिला त्रस्त है। मीडिया में बहुत आता है कि हम सुरक्षित है। क्या सच्चाई नहीं दिख रही है। इस देश में दो तरह के लोग सुरक्षित है, एक भाजपा का नेता और मंत्री और दूसरे उसके खरबपति मित्र। यहां किसी धर्म जाति के व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। मजदूर, मल्लाह, गरीब, दलित अल्पसंख्यक और महिलाए सुरक्षित नहीं है। यह देश नष्ट हो रहा है। इस बात को पहचानिए। कांग्रेस महासचिव ने अपील करते हुए कहा कि सच्चाई से लोग क्यों डर रहे हैं। समय आ गया है। चुनाव की बात नहीं है। यह भाजपा का नहीं जनता का देश है। इस देश को जनता बचाएगी। जागरूक नहीं बनेंगे और राजनीति में उलझे रहेंगे तो न खुद को बचा पाएंगे और न ही देश बचा पाएंगे। जो किसान को आंदोलनकारी और आतंकवादी कहते है उनको न्याय देने के लिए मजबूर कीजिए। कांग्रेसी किसी से नहीं डरते है। हमे जेल में डालिए मारिए मगर हम तक नहीं हटेंगे जब तक लखीमपुर खीरी मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री इस्तीफा नहीं देते। हम हिलेंगे नही डटे रहेंगे। हमारी पार्टी ने आजादी की लडाई लडी है । हमे कोई रोक नहीं सकता। प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से किसी को न्याय की उम्मीद नहीं है। सोनभद्र में 13 आदिवासियो के नरसंहार का मामला हो, हाथरस की घटना हो या लखीमपुर का मामला। योगी सरकार ने पीड़ति पक्ष की सुनने की बजाय पुलिस और दबंगो का पक्ष लिया है। कोरोना के समय जनता त्रस्त थी जबकि सरकार आक्रामक हो गयी थी। आक्सीजन के लिए लोगो की मदद करने की बजाय उनको पीटा जा रहा था।