जलसा फाउंडेशन ने मासिक धर्म को लेकर किया जागरुक

डेस्क। ऐ.पी.एम. एकेडमी स्कूल महराजगंज में जलसा फाउंडेशन ट्रस्ट गोरखपुर के माध्यम से मासिक धर्म के बारे में जागरूकता एवं 500 सेनेटरी नैपकिन पेड 500 महिलाओं एवं लड़कियों को निशुल्क वितरण किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी जलसा देवी ने महिलाओं को बताया कि मासिक धर्म के बारे में लोगों को जागरूक होना बहुत ही आवश्यक है पहले महिलाएं बीमारियों से परेशान रहती थी अछूत माना जाता था लेकिन अब समय बदल गया है लोग जागरूक हुए हैं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल कर रहे हैं आज हमारी बहन बेटी माताएं स्वस्थ है।
जलसा फाउंडेशन के अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहा मासिक धर्म को लेकर लोगों में शर्म,गरीबी और मासिक धर्म के दौरान भेदभाव करने वाली सोच की वजह से महिलाओं और बालिकाओं के शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है हर लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षित और गरीबों के साथ मासिक धर्म का प्रबंधन करने में मदद करना चाहिए जैसा की जलसा फाउंडेशन महिलाओं और बालिकाओं तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए अपनी भागीदारी के साथ काम कर रहा है सरकार के द्वारा भी स्त्री स्वाभिमान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जज्बात के भवसागर से की संस्थापिका एवं ऐ.पी.एम. एकेडमी की संस्थापक सदस्य श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव जी ने बताया कि भारत में लड़कियों पर यूनिसेफ और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ अर्बन अफेयर्स के अध्ययन 2020 के रिसर्च से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में गरीब घरों की लड़कियां मासिक धर्म के द्वारा जागरूक की उचित स्वच्छता सुविधाओं से वंचित है जिसमें हर दो लड़कियों में से एक लडक़ी अपने मासिक धर्म के दौरान पैसे की कमी की वजह से सेनेटरी नैपकिन पैड का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं यह कोई बीमारी नहीं है यह नेचुरल प्रक्रिया है सबके घर मे होता है इससे हम लोगों को जागरूक होकर लोगो को भी स्वच्छ एवं स्वस्थ रखना है। जलसा फाउंडेशन की सदस्य नीतू सिंह ने कार्यक्रम के बारे में लड़कियों को बताया कि जो लड़कियां सेनिटरी पेड इस्तेमाल करती है उसमें कुछ मात्रा प्लस्टिक की भी होती है जिसके कारण लड़कियों महिलाओं को कुछ दिक्कतें आती है इस लिए हमारी संस्था प्लस्टिक फ्री पेड के इस्तेमाल के लिए कार्य कर रही है यह सेनिटरी नैपकिन पेड एंटीबैक्टीरियल कपड़े का बना है जिसको हम धूल कर दो (2) साल तक इस्तेमाल कर सकते है उन्होंने बताया कि जबसे पीरियड स्टार्ट होता है और जिस उम्र में समाप्त होता है इस दौरान एक महिला या लडक़ी लगभग 2 ट्रक पेड का इस्तेमाल करती है जो कि कई साल तक सड़ता गलता नही है। यह सेनिटरी नैपकिन बेक्टीरियल फ्री है जिसका इस्तेमाल कर माँ बहन बेटियां सुरक्षित एवं स्वस्थ रहेगी। इस कार्यक्रम में सानू सिंह, सरगम सिंह, संध्या सिंह,अनिता, रामप्यारे, सुजीत श्रीवास्तव, संजय यादव, ग्रामसभा की आशा जमीरा, इंदू, रीता जी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।