ब्रिटेन में खालिस्तान पर बैठक: डोभाल आग बबूला

डेस्क। हिंद-प्रशांत पर रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत और ब्रिटेन एकमत हैं। हालांकि, नई दिल्ली ने लंदन में खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) को पंजाब के विलय पर 31 अक्टूबर को जनमत संग्रह करने देने को लेकर ब्रिटेन को खरी-खरी सुनाई है। लंदन के डाउन-टाउन में तथाकथित जनमत संग्रह पूरी तरह विफल रहा, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने ब्रिटिश समकक्ष स्टीफन लवग्रोव के सामने साफ किया कि मोदी सरकार को इस बात पर गहरी आपत्ति है कि ब्रिटेन ने प्रवासी भारतीयों के एक छोटे से हिस्से को हथियार बनाकर तीसरे देश के मामलों पर जनमत संग्रह की अनुमति दी। 3 नवंबर को लंदन में द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता के दौरान ब्रिटेन को भारतीय पक्ष से अवगत कराया गया। बताया जा रहा है कि भारत ने यह साफ किया कि पंजाब में पूरी तरह शांति है और कट्टरवादी तत्वों को हर पांच साल में होने वाले विधानसभा या लोकसभा चुनावों में 1 फीसदी वोट भी नहीं मिलता है। मोदी सरकार ने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की कि प्रतिबंधित सिख संगठनों की ओर से चलाए जा रहे अलगाववादी अजेंडे पर ब्रिटेन सरकार आंखें मूंद लेती है।