कश्मीर घाटी में हड़ताल से जनजीवन प्रभावित

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के हैदरपोरा में इस हफ्ते की शुरुआत में हुई मुठभेड़ में मारे गए आम नागरिकों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस द्वारा आहूत हड़ताल के कारण कश्मीर घाटी में शुक्रवार को जनजीवन प्रभावित हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकतर सार्वजनिक वाहन सडक़ों से नदारद रहे, लेकिन कुछ इलाकों में निजी कार, ऑटो रिक्शा चलते नजर आए। उन्होंने बताया कि घाटी में अन्य इलाकों से भी बंद की ऐसी ही खबरें मिली। गुरु पर्व पर अवकाश होने के कारण भी बंद को अधिक समर्थन मिला। मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने बंद का आह्वान किया था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने एक बयान में कहा था, ‘‘हमें अफसोस है कि अधिकांश नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता इस तरह की अमानवीयता का विरोध करने और मारे गए आम नागरिकों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के कारण जेलों या घरों में नजरबंद हैं और हम उनकी इस मांग के भी समर्थन में हैं कि शवों को दफनाने के लिए उन्हें उनके प्रियजन को लौटाया जाए। लोगों को खुद ही 19 नवंबर को बंद रखना चाहिए। अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल सोमवार को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए थे। उनके शवों को बृहस्पतिवार देर रात को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था, ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके और वे उनका अंतिम संस्कार पर पाएं।