गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों में जश्न का माहौल

श्यामल मुखर्जी, साहिबाबाद। गुरु पूर्णिमा तथा गुरु नानक जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगभग 1 साल से लंबित पड़े तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई । किसानों ने कृषि कानूनों के वापस लिए जाने को सरकार के अहंकार की हार तथा अपनी जीत बताया । हालांकि जीत के जश्न के बाद आंदोलन स्थल पर बैठे हुए किसानों द्वारा आज आगे की रणनीति तय की जाएगी। बताते चलें कि आगामी 26 नवंबर को किसान आंदोलन का 1 वर्ष पूर्ण हो जाएगा। गाजीपुर तथा सिंघु बॉर्डर पर पिछले लगभग 1 वर्ष से आंदोलनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन में बैठे हुए हैं। मौसम की मार तथा अन्य दिक्कतों को झेलते हुए किसानों ने अपने आंदोलन का 1 वर्ष पूरा कर लिया है। इस बीच अपनी खेती की देखभाल के लिए सामंजस्य बनाए रखने को किसान बारी-बारी से आंदोलन स्थल पर आते जाते रहे। इस अवसर पर गाजीपुर किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सरदार जगतार सिंह बाजवा द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी को लंबे समय से आंदोलनरत किसानों तथा मजदूरों के संघर्ष की जीत बताया गया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी विजेंद्र सिंह बताया कि यह उस किसान की जीत है जो खेतों मेंअपनी मेहनत से अनाज पैदा कर देशवासियों की सेवा करता है। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति यूनियन की अगली बैठक में तय की जाएगी। परंतु किसानों द्वारा फिलहाल आंदोलन स्थल खाली नहीं किया जाएगा।