आरएलडी बोली: किसानों की शहादत का फल मिला

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने देश के प्रधानमंत्री द्वारा तीनों काले कृषि कानून वापस लेने के पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लगभग एक हजार किसानों की शहादत औरलाखों किसानों की तपस्या का फल है जो किसानों की जीत और डबल इंजन की सरकारों की हार के रूप में सामने है7 सरकार की हठधर्मिता के कारण ही लाखों किसानों को अपना परिवार और खेती किसानी छोडक़र कर एक वर्ष से दिल्ली के बार्डर पर कपकपाती ठंड से लेकर गर्मी और बरसात भी झेलना पड़ा है। डा.अहमद ने कहा कि यह किसानों के सच्चे हितैषी चौधरी अजित सिंह जी की आत्मा की विजय है जिसने राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह जी को एक पल भी चैन से बैठने नही दिया और काले कानूनों को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को मजबूर कर दिया 7आज देश के प्रधानमंत्री के सार्वजनिक ऐलान के बाद भी किसानों ने कहा कि जब तक संसद में इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक घर वापसी नहीं की जायेगी7 किसानों के इस कथन से स्वयं सिद्ध हो जाता है कि प्रधानमंत्री के ऐलान पर विश्वास नहीं है और किसान संवैधानिक प्रक्रिया के द्वारा ही कानून वापसी चाहता है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों की इस जीत को ऐतिहासिक बताया और कहा कि किसानों के इस आन्दोलन ने महाभारत के दिनों की याद ताजा कर दिया जिसमें असत्य पर सत्य की जीत हुई थी7 उन्होंने कहा कि किसानों की यह जीत आम जनता को राहत देने वाली और समाज के सभी वर्गों की जीत है 7किसानों ने इस लड़ाई में सिद्ध कर दिया है कि ईश्वर भी अन्नदाता के साथ है।