डिग्री कॉलेजों पर चलेगा योगी का चाबुक

लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों पर शिकंजा कसते हुए शिक्षा की गुणवत्ता की जांच कराने का फैसला किया है। इसके लिए शासन के विशेष सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक से लेकर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों तक को हर महीने महाविद्यालयों के निरीक्षण का ‘टारगेट’ दिया गया है। इसकी रिपोर्ट महीने की पांचवीं तारीख तक अनिवार्य रूप से शासन को भेजनी होगी। प्रदेश में 164 राजकीय और 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालय हैं। सरकार का मानना है कि इस कदम से इन महाविद्यालयों में पठन-पाठन की मौजूदा स्थिति में सुधार होगा। इससे जरूरी सुधारों के लिए प्रबंध तंत्र पर भी दबाव बनेगा। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव शमीम अहमद खान की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। इसमें शासन के विशेष सचिव को हर महीने दो, संयुक्त सचिव को तीन, निदेशक उच्च शिक्षा को पांच, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा को 15, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को 25-25, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पांच-पांच तथा उप कुलसचिवों व सहायक कुलसचिवों को 15-15 महाविद्यालयों का निरीक्षण करना होगा। सभी अधिकारी निरीक्षण की रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा अपनी निरीक्षण रिपोर्ट निदेशक उच्च शिक्षा को उपलब्ध कराएंगे। निदेशक उच्च शिक्षा परीक्षण के बाद रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। इसी तरह सहायक कुलसचिव व उप कुलसचिव अपनी रिपोर्ट संबंधित कुलसचिव को उपलब्ध कराएंगे। कुलसचिव परीक्षण के बाद रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, निदेशक उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के कुलसचिव अपनी निरीक्षण रिपोर्ट सचिव उच्च शिक्षा को उपलब्ध कराएंगे।