उखडऩे लगे किसानों के तंबू-लंगर: संगठनों में मतभेद

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि एमएसपी गारंटी कानून, बिजली कानून समेत कई मामलों पर जब तक केंद्र सरकार राजी नहीं होती है, तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा। उनकी इस राय को लेकर किसान संगठनों में ही मतभेद दिख रहे हैं। एक तरफ पंजाब के कई किसान संगठनों ने घर वापसी की बात कही है तो वहीं बुधवार को होने वाली 40 संगठनों की मीटिंग भी रद्द हो गई है। 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होनी है, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर कोई फैसला होगा। लेकिन इस बीच बड़ी संख्या में सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से किसान जाते दिख रहे हैं। किसानों की संख्या दोनों मोर्चों पर कम हो रही है। यही नहीं सिंघु बॉर्डर पर बीते एक साल से चल रहा लंगर अब बंद हो गया है। यह लंगर गुरुद्वारा साहिब रिवरसाइड कैलिफोर्निया, अमेरिका द्वारा आयोजित किया जा रहा था। इस लंगर के आयोजकों ने अपना सामान पैक कर लिया है और पंजाब लौट गए हैं। 5 ट्रकों में सामान भरकर ये लोग लौट गए। इस लंगर की संचालन समिति से जुड़े हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस लंगर की शुरुआत 1 दिसंबर 2020 से ही हो गई थी, जब आंदोलनकारियों को सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे 5 दिन ही हुए थे। अब हमने पंजाब वापस लौटने का फैसला लिया है। लेकिन यदि आंदोलनकारी किसान वापस आते हैं और लंगर सेवा की जरूरत होती है तो हम फिर से वापस आएंगे।