देश में मास्क प्रयोग का प्रतिशत गिरा

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में रोजाना गिरावट आ रही है, लेकिन साथ ही मास्क के उपयोग में भी कमी देखी जा रही है. जानकार कह रहे हैं कि यह चिंताजनक है और कभी भी स्थिति को बदल सकता है.सोमवार को भारत में संक्रमण के 7,350 नए मामले सामने आए और कुल सक्रिय मामलों की संख्या 91,456 हो गई. यह 18 महीनों में सक्रिय मामलों की सबसे कम संख्या है. लेकिन जहां एक तरफ संक्रमण के मामले गिर रहे हैं वहीं मास्क पहनने में आई तेज गिरावट को लेकर चिंताएं उठ रही हैं. साथ ही दुनिया भर में तेजी से फैल रहे वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले भारत में भी बढ़ते जा रहे हैं. एक बार फिर कई राज्यों में चुनाव आने वाले हैं और राजनीतिक रैलियों में लोगों को बिना मास्क पहने या मास्क को अपनी ठोढ़ी पर पहने एक दूसरे के पास खड़े या बैठे देखा जा सकता है. अप्रैल 2021 में भी ऐसा ही कुछ हुआ था जिसके बाद डेल्टा वेरिएंट ने भारत में तबाही मचा दी थी. हालांकि उस समय के बाद अब मामले काफी कम हो चुके हैं, लेकिन ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. अभी तक पूरे देश में इसके कम से कम 36 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा पिछले दो हफ्तों में वायरस के जितने सीक्वेंस की जेनोमिक जांच की गई है उनमें से तीन प्रतिशत नए वेरिएंट के ही पाए गए हैं. बाकी सब सीक्वेंस डेल्टा वेरिएंट के निकले. एक यूनिवर्सल वैक्सीन स्वास्थ्य एजेंसियां लोगों को लगातार मुंह ढकने के लिए कह रही हैं. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने हाल ही में एक समाचार वार्ता में कहा, “मास्क के इस्तेमाल का गिरता हुआ ग्राफ हमें महंगा पड़ सकता है. मास्क एक यूनिवर्सल वैक्सीन है, यह हर वेरिएंट पर असर करती है” इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के डाटा के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने के स्तर में गिरावट आई है और यह मार्च में देखे गए स्तर तक पहुंच गया है. अनुमान है कि इस समय मास्क सिर्फ 59 प्रतिशत लोग पहन रहे हैं, जो कि लगभग मार्च के स्तर जितना ही है. दूसरी लहर के बाद मास्क का इस्तेमाल बढ़ गया था. मई में यह 81 प्रतिशत तक पहुंच गया था.