लखनऊ। ट्विटर में आरआरबी एनटीपीसी छात्रों ने एक करोड़ से ज्यादा ट्वीट कर डाले, अब छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके साथ न्याय नहीं किया गया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हस्तक्षेप कर 28 फरवरी 2019 के आर.आर.बी. के नोटिफिकेशन के अनुरूप सीबीटी-1 के स्क्रीनिंग टेस्ट में 20 गुना अभ्यर्थियों को जोनवाईज क्वालीफाई कराया जाये। युवा मंच ने 25 जनवरी को डिजिटल युवा पंचायत बुलाई है जिसमें आरआरबी एनटीपीसी के छात्रों के साथ हुए अन्याय के मुद्दे को मजबूती से उठाया जायेगा। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनावों में आरआरबी एनटीपीसी के छात्रों के साथ हुए अन्याय को मुद्दा बनाया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा विवाद जानबूझकर आरआरबी ने रेल मंत्रालय के निर्देश पर पैदा किया है, यही वजह है कि रेल मंत्रालय आरआरबी के बचाव में खड़ा है। दरअसल नोटिफिकेशन के अनुसार 20 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई कराया जाना है लेकिन एक ही अभ्यर्थी को क ई अलग अलग समूहों में क्वालीफाई करा कर उन्हें अलग अलग अभ्यर्थी के बतौर माना गया, जिससे अभ्यर्थियों की वास्तविक संख्या 20 गुना के बजाय बमुश्किल 4-5 गुना होने का ही अनुमान है। इस प्रक्रिया में लाखों अभ्यर्थी स्क्रीनिंग टेस्ट से ही बाहर कर दिये गए। हजारों छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीट कर अन्याय के लिए गुहार लगाई है लेकिन अगर प्रधानमंत्री द्वारा हस्तक्षेप कर जल्द उचित निर्णय नहीं लिया गया तो छात्रों द्वारा सोशल मीडिया के साथ ही सडक़ों पर उतरने के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। युवा मंच ने अपने बयान में कहा कि मोदी सरकार कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे के बीच युवाओं को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। इसी तरह मोदी सरकार ने किसानों को भी मजबूर किया था।