सिद्धू-चन्नी की रस्साकसी में फंसी कांग्रेस: पार्टी को हो रहा नुकसान

चुनाव डेस्क। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की करीब 4 महीने पहले जब कांग्रेस ने पंजाब में ताजपोशी की थी तो माना जा रहा था कि यह उसका मास्टर स्ट्रोक है। दलित समुदाय से आने वाले चन्नी को सीएम बनाया जाना पार्टी की बड़ी पहल थी। पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था और तब आम आदमी पार्टी बैकफुट पर नजर आई थी। लेकिन यह कार्ड अब कमजोर होता दिख रहा है। एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू का रवैया उनकी छवि को कमजोर करता दिख रहा था तो अब प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनके भतीजे भूपिंदर पाल सिंह के घर पर रेड ने रही-सही कसर पूरी कर दी है। इस रेड के बाद से अरविंद केजरीवाल ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं। सीएम चन्नी लगातार अपनी आम व्यक्ति होने की छवि पेश कर रहे थे। लेकिन इस रेड ने उनकी इस छवि पर सवाल जरूर खड़े किए हैं। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लंबी छिड़ी रार के बाद जब पूर्व सीएम को हटाया गया तो माना जा रहा था कि आखिर अब सीएम कौन होगा। सिद्धू को लेकर राय बंटी हुई थी, जबकि सुनील जाखड़ जैसे चेहरे सिख न होने के चलते पिछड़ गए। फिर नाम आया चरणजीत सिंह चन्नी का, जो सिख होने के साथ ही दलित समुदाय से भी आते थे। इससे कांग्रेस ने एक साथ दो वर्गों को साधने की संभावना देखी और उन्हें सीएम बना दिया।