गौरीगंज सीट: चुनाव में हैं स्थानीय हावी

आशुतोष मिश्र, अमेठी। आगामी विधानसभा 2022 चुनाव को लेकर मचे घमासान में अमेठी जिले की गौरीगंज विधान सभा सीट भी सूबे की राजनीति में काफी मायने रखती है,ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी यहां अब तक राजपूतों ने सर्वाधिक समय तक राज किया है,मौजूदा समय में भी समाजवादी पार्टी से राकेश प्रताप सिंह विधायक हैं,एक दशक से इस सीट पर सपा का कब्जा है,वहीं कांग्रेस दो दशक से यहां जीत के लिए संघर्ष कर रही है,अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार राकेश प्रताप सिंह अपनी जीत की हैट्रिक लगा पाते है या यहां की जनता किसी और उम्मीदवार को अपना आशीर्वाद देकर विधानसभा पहुँचाएगी। गौरीगंज विधान सभा क्षेत्र 185 अमेठी जिले की सदर सीट है,1974 से अब तक कांग्रेस 05 बार और बीजेपी के 04 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं,वहीं, बसपा और समाजवादी पार्टी के क्रमश: 1 और 2 बार विधायक निर्वाचित हुए है, पिछले 03 चुनाव परिणाम पर गौर करें तो पता चलता है कि वर्ष 2007 में बहुजन समाज पार्टी से चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी 34,386 मत पाकर चुनाव जीते थे, वहीं, कांग्रेस के मुहम्मद नईम 28,398 मत पाकर दूसरे स्थान पर थे,वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में लगातार 04 बार कमल खिलाने वाले तेज भान सिंह चुनाव हार कर तीसरे स्थान पर पहुचं गए थे। सपा के जंग बहुदार सिंह इस चुनाव में 17,231 मत पाकर चौथे स्थान पर थे,वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के राकेश प्रताप सिंह 44,287 मत प्राप्त कर विधानसभा पहुंचे थे, इस बार भी कांग्रेस के मोहम्मद नईम 43,784 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर थे,वहीं, बीजेपी के तेजभान सिंह 34,893 मत पाकर तीसरे स्थान पर थे,वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राकेश प्रताप सिंह 77,915 मत पाकर चुनाव पुन: जीत गए थे। इस बार भी कांग्रेस के मुहम्मद नईम 51,496 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर बरकरार रहे,वहीं इस चुनाव में बसपा के विजय किशोर तिवारी 33,848 मत तीसरे स्थान पर रहे,अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि क्या सपा के राकेश प्रताप सिंह अपनी जीत की हैट्रिक बना पाते हैं या नहीं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों में उम्मीदवारों की लाइन लगी हुई है,उम्मीदवारों की सबसे लंबी फेहरिश्त बीजेपी में ही दिखाई पड़ रही है,इसमें कई दलों के नेता मोदी और योगी में आस्था दिखाते हुए बीजेपी में शामिल हो गए हैं, वहीं, बसपा से पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश मिश्र माटियारी, पूर्व विधान सभा प्रत्याशी विजय किशोर तिवारी, हाथी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए है और वहीं प्रियंक हरिविजय तिवारी, जिला अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी, डॉ0 अनिल मिश्र, पूर्व विधायक तेज भान सिंह,राघवेंद्र सरकार,प्रदीप सिंह थौरी,धन्वंत सिंह मौजूदा प्रमुख उमीदवारो में है, इस तरह उम्मीदवार का चयन करना बीजेपी के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। कांग्रेस पार्टी में भी उम्मीदवारों की फेहरिश्त कम नहीं है,गैर विधानसभा क्षेत्रों के भी कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं, क्षेत्र में जाकर अपनी टिकट की दावेदारी पक्की बता रहे हैं, इनमें राजू पंडित, रवि दत्त मिश्रा,अरुण मिश्रा, योगेंद्र मिश्रा, सदाशिव यादव, फतेह बहादुर, राजकुमार यादव सहित कई लोगों के नामों की चर्चा चल रही है। गौरतलब पहलू यह भी है कि कांग्रेस या तो इस सीट से जीत दर्ज की है या तो दूसरे स्थान पर रही है,कांग्रेस पिछले 2 दशक से मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार रही है, इस बार कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मो0 नईम कांग्रेस का हाथ छोडक़र साईकिल की सवारी कर लिए हैं। देखना होगा कि कांग्रेस क्या बदलाव करती है। बसपा से राम लखन शुक्ल का नाम चर्चा में चल रहा है,अभी तक बसपा से किसी अन्य प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आया है। समाजवादी पार्टी ने अपने इकलौते प्रत्याशी राकेश प्रताप सिंह को गौरीगंज विधानसभा सीट पर मैदान में उतार दिया है। पिछले एक दशक से इस सीट पर राकेश प्रताप सिंह काबिज हैं, बताते चलें कि प्रदेश में 2017 की मोदी लहर में भी राकेश प्रताप सिंह के किले को भाजपा हिला तक नहीं पाई थी, मोदी लहर में भी सपा के राकेश प्रताप सिंह ने साईकिल की रफ्तार बढ़ाते हुए विजय हासिल किया था। गौरीगंज विधान सभा के मुसाफिरखाना में दो सडक़ों के पुनर्निर्माण को लेकर राजनीतिक उठा पटक चल रही है,यहां तक कि सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह विधान सभा की सदस्यता से त्याग पत्र भी दे चुके हैं, अभी तक सडक़ों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं भी अच्छी नहीं है,अस्पताल में लोगों का समुचित इलाज भी नहीं हो पाता है जिला तो बन गया है, पर जिला स्तर की सुविधाओं से यहां के लोग वंचित हैं,जिला मुख्यालय पर एक बस स्टाफ भी नहीं बना है,दीवानी न्यायालय और जेल भी जिले में नहीं है,लोगों को पड़ोसी जनपद में जाना पड़ता है।