जगदीशपुर विस सीट: आसान नहीं होगी मंत्री सुरेश पासी की राह

चुनाव डेस्क। जगदीशपुर से राज्य मंत्री सुरेश पासी को प्रत्याशी घोषित किया है। इसकी घोषणा होते ही क्षेत्र में राज्य मंत्री सुरेश पासी के खिलाफ विरोधियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया से लेकर गांव के गलियारों तक मंत्री के विरोध में स्वर मुखर हो रहे है। जगदीशपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर सुरेश पासी पर दांव लगाया है। जहां भाजपा इस सीट पर दोबारा कमल खिलाना चाहती है। वही भाजपा समर्थक राज्य मंत्री सुरेश पासी के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं। विगत दिनों राज्य मंत्री को कई गांव में विरोध झेलना पड़ा था। वही अब टिकट घोषित होने के बाद लोग भाजपा समर्थक सोशल मीडिया पर सुरेश पासी के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं। विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में कुछ लोग लामबंद होकर सुरेश पासी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। वही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी आस्था भी जता रहे हैं। मामले से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया फेसबुक पर ऐसी तमाम पोस्ट देखी जा सकती हैं, जिनमें राज मंत्री के खिलाफ लोग मोर्चा खोले हुए हैं। मोदी लहर में जीते थे सुरेश पासी अमेठी जिले की जगदीशपुर विधानसभा में भाजपा को इस बार अपनी सीट बचाने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस ने अपना गढ़ वापस पाने के लिए विजय पासी को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर 2002 से 2012 तक लगातार कांग्रेस का कब्जा था लेकिन 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के किले को भेद दिया। यहां भाजपा के सुरेश पासी ने कांग्रेस के राधेश्याम को 16600 वोट से हरा दिया था। कांग्रेस के किले को ढहाने के एवज में भाजपा ने सुरेश पासी को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया। 2012 में सपा के सिंबल पर विजय पासी ने लड़ा था चुनाव 2022 में कांग्रेस ने विजय पासी को प्रत्याशी बनाया है। वो 2012 में सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के राधेश्याम से शिकस्त खा गए थे। इतने विरोध के बावजूद भी बीजेपी ने मंत्री सुरेश पासी को मैदान में उतार दिया हैं। फिलहाल क्षेत्र में उनका खासा विरोध है। खासकर उन पर बाजार शुकुल, जगदीशपुर, जामो थाने में करीब 600 एससीएसटी के फर्जी मुकदमें दर्ज करने का आरोप है जिसकी लिस्ट वायरल हो रही। वैसे जानकारों का मानना है कि अगर वो आए भी तो उनके समाज का आधा वोट कांग्रेस को जाना तय है। जगदीशपुर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। भाजपा को पहली बार 2017 के मोदी लहर में सफलता मिली। इस सीट पर कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 9 बार जीत हासिल की है। 1962 में पहले ही चुनाव में कांग्रेस यहां काबिज हो गयी और इंद्रपाल सिंह विधायक बने। इसके बाद 1974 में कांग्रेस के राम सेवक धोबी विधायक बने। फिर 1980, 1985, 1989 और 1991 में रामसेवक लगातार चार बार विधायक रहे। इसके बाद 2002 और 2007 में भी रामसेवक ने यहां कांग्रेस का परचम लहराया। कांग्रेस के पहले रामसेवक 1967 और 1969 में जनसंघ के टिकट पर विधायक बने थे। 2012 में भी यहां से कांग्रेस के राधेश्याम विधायक बने।