पीएम बोले: आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में मंगलवार को पेश किए गए आम बजट का जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोडऩे पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जैसे पूरी दुनिया बदल गई थी, उसी प्रकार कोरोना महामारी के बाद भी दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है और एक नयी विश्व व्यवस्था तैयार होगी। बजट के विभिन्न प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे ‘‘जीवन की सुगमता’’ और ‘‘व्यवसाय की सुगमता’’ को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दो लाख 30 हजार करोड़ रुपये की है और यह दर्शाता है कि ‘‘हमारी बुनियाद मजबूत हैं, दिशा सही है और गति तेज है’’। कोरोना महामारी और उसके दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संक्रमण का यह कालखंड पूरी दुनिया के लिए एक प्रकार से क्रांतिकारी परिवर्तन है और इससे बहुत सारे बदलाव होने की संभावना है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्ष में सरकार ने जो निर्णय लिए और जो नीतियां बनाईं तथा पहले की जिन नीतियों में सुधार किए, उसकी वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सात-आठ साल पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए था। आज भारत की अर्थव्यवस्था दो लाख 30 हजार करोड़ के आसपास की है। उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए नए सिरे से तैयारी का, नए अवसरों का और नए संकल्पों की सिद्धि का है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।’’ बजट घोषणा के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज देश में करीब-करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है और इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्ष में दिए गए हैं।