अमेठी जिले की दो सीट पर कटा सपाई टिकट: तीसरे की बारी

आशुतोष मिश्र, अमेठी। यूपी विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट बने अमेठी जनपद की दो विधानसभाओं में नामांकन के बाद अपने दो प्रत्याशियों का टिकट रातोंरात काट कर समाजवादी पार्टी ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। अखिलेश यादव ने तिलोई और जगदीशपुर सुरक्षित विधानसभा से अपने दो प्रत्याशियों का टिकट काट दिया है। जबकि दोनों नामांकन दाखिल कर चुके थे।
प्रत्याशियों को जानकारी मिलते ही पूरे अमेठी की सियासत में तूफान आ गया है। तिलोई व जगदीशपुर सुरक्षित से सपा प्रत्याशियों का टिकट कटने के बाद अब अमेठी विधान सभा को लेकर भी हलचल तेज हो गई है। सपा ने अमेठी विधानसभा से पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी को प्रत्याशी बनाया है। अब इलाके में अमेठी विधानसभा सीट को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं जन्म ले रही हैं। सवाल है कि क्या इस सीट से भी सपा अपना प्रत्याशी बदल देगी। महाराजी भी फिलहाल नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। अमेठी में आनन-फानन में हुए इस सियासी फेरबदल से शनिवार रात से ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। तिलोई से हैदरगढ़ के जावेद खान व जगदीश पुर से विमलेश सरोज को अब सपा ने नया उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि पार्टी के प्रदेश कार्यालय से अभी कोई अधिकृत सूची जारी नहीं की गई है, लेकिन संगठन जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने इस परिवर्तन की पुष्टि की है। तिलोई विधान सभा से पहले सपा ने मो. नईम को टिकट दिया था। अभी कुछ ही दिन पहले उन्हें सपा से टिकट मिला था। वह कांग्रेस से गौरीगंज सीट से टिकट मांग रहे थे। जब उन्हें टिकट न मिलने का अंदेशा हुआ तो अगले दिन उनका नाम सपा की लिस्ट में प्रदेश कार्यालय से शामिल कर लिया गया। नईम 2017 का विस चुनाव गौरीगंज से कांग्रेस की ओर से लड़ चुके है। वह सपा के मौजूदा विधायक राकेश प्रताप सिंह से करीब 26 हजार वोट से पराजित हो गए थे। उन्होंने शुक्रवार को अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया। गौर करने वाली बात यह रही कि उनका नामांकन पत्र जमा कराने जिला संगठन का कोई बड़ा सपाई नहीं आया था। जिला अध्यक्ष भी नहीं मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि उन्हें नामांकन करने की कोई जानकारी नहीं दी गई। वही जगदीशपुर से उम्मीदवार घोषित रही रचना कोरी का भी नामांकन हो चुका है। प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे थे। उनके स्थान पर अब विमलेश सरोज को उम्मीदवार बनाया गया है। वह पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता बताई जा रही हैं। तिलोई में सवा लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। जिनमें गुर्जर मुस्लिमों की अच्छी तादाद है। नईम के चुनाव लडऩे पर इस वर्ग के मतों का कांग्रेस व सपा में बंटने की आशंका थी। इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलता नजर आ रहा था। इस बंटवारे को रोकने के लिए हैदरगढ़ के जावेद खान को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। उनका कोई हाई प्रोफाइल नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता बताए जाते हैं। महामारी में उन्होंने लोगों के बीच अच्छा काम किया था। जिससे नेतृत्व प्रभावित है।