अमेठी विस सीट: रानी-पटरानी के चक्कर में फंसे राजा

आशुतोष मिश्र, अमेठी। यूपी के अमेठी राजघराने का विवादों से काफी गहरा नाता रहा है। राजघराने में रानी-पटरानी की लड़ाई काफी लंबे अरसे से चली आ रही है। यह मुद्दा इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजय सिंह की चुनाव में मुश्किलें बढ़ा सकता है। वो इसलिए की उनकी पहली पत्नी एवं भाजपा विधायक गरिमा सिंह ने रिटर्निंग ऑफिसर संजीव कुमार मौर्य के सामने पहुंचकर संजय सिंह के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई है। गरिमा सिंह का आरोप है कि मैं संजय सिंह की लीगल पत्नी हूं, लेकिन संजय सिंह के एफिडेविड में कहीं मेरा नाम नहीं है। मेरे नाम के स्थान पर दूसरे का नाम है। विधायक गरिमा सिंह ने कहा कि यह हमारी पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्या है। मैंने आज पत्नी होने का स्थान पाने के लिए, पत्नी अस्त्वित के लिए, पत्नी के गौरव के लिए सम्मान के लिए आज यह आपत्ति दर्ज कराई है। इस पर जो भी जवाब मिलेगा, उसके बाद ही मैं आपको कुछ बता पाऊंगी। गरिमा सिंह ने बताया कि संभवत: अमीता मोदी को पत्नी का स्थान दिया गया है, जो मुझे मंजूर नहीं है। मैं अपना स्थान और अपना गौरव प्राप्त करना चाहती हूं। मैं पत्नी हूं और रहूंगी। अब यहां से जो जवाब मिलेगा, वो बताया जाएगा। जब उनसे संजय सिंह के चुनाव में प्रचार को लेकर सवाल हुआ तो गरिमा सिंह ने जवाब में कहा कि अभी इस विषय पर मैंने विचार नहीं किया है, देखा जाएगा। मैं पार्टी के साथ हूं, पार्टी की वर्कर हूं और पार्टी जो आदेश करेगी, उसका पालन किया जाएगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में रानी-पटरानी की इस लड़ाई में राजघराने की पहली रानी गरिमा सिंह को इसका फायदा मिला, क्योंकि बीजेपी ने अमेठी विधानसभा 186 सीट से गरिमा सिंह को टिकट दिया और इस लड़ाई में गरिमा सिंह के साथ जनता सहानुभूति भी साथ रही और गरिमा सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव को जीत कर विधायक के रूप में चुनी गईं। वहीं, इस बार बीजेपी ने सियासी चाल चलते हुए रानी-पटरानी का टिकट काटकर डॉक्टर संजय सिंह को अमेठी विधानसभा सीट से प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है।