अल्जाइमर से बचना है तो तिरछा होकर सोएं

Adult Daughter Talking To Depressed Senior Father
हेल्थ डेस्क। यदि आप पेट या पीठ के बल सीधा सोने के बजाय तिरछा सोने की आदत डालते हैं, तो अल्जाइमर और पर्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बच सकते हैं। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, तिरछा सोने से दिमाग में मौजूद हानिकारक रासायनिक विलेय या अपशिष्ट विलेय भली प्रकार निकल जाते हैं। दिमाग में अपशिष्ट विलेय या रासायनिक विलेय के जमा होने से अल्जाइमर और दूसरे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिका के न्यूयार्क स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के शोधकर्ता मैकेन नेडेर्गार्ड ने कहा कि यह पहले ही पता चल चुका है कि नींद के दौरान खलल पडऩे से अल्जाइमर की बीमारी और याददाश्त खोने का खतरा बढ़ जाता है। हमारी शोध में इससे संबंधित जो नई बात सामने आई है, वह है सोने का तरीका भी इस विषय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया कि सोने का तरीका चुनना या अपनाना आराम करने की एक जैविक क्रिया है, जो जागने के दौरान दिमाग में जमा होने वाले मेटाबॉलिक अपशिष्ट को निकालने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह शोध पत्रिका न्यूरोसाइंस में प्रकाशित हुआ है।