रायबरेली के गढ़ को बचाने में लगीं प्रियंका

अमृतांशु मिश्र, रायबरेली। कई दशकों से कांग्रेस और गांधी-नेहरू फैमिली का गढ़ रहे रायबरेली जिले में भी पार्टी इस बार कमजोर नजर आ रही है। सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं, लेकिन पार्टी की लगभग हर सीट पर दावेदारी कमजोर है। एक तरफ रायबरेली में अदिति सिंह भाजपा के टिकट पर उतरकर मजबूत चुनौती पेश कर रही हैं तो वहीं हरचंदपुर से राकेश सिंह भी अब भगवा दल के हो चले हैं। ऊंचाहार में सपा नेता मनोज पांडेय तीसरी बार विधायक बनने के लिए उतरे हैं। यहां भी मनोज पांडेय को कांग्रेस से ज्यादा भाजपा ही चुनौती देने की स्थिति में है। यही वजह है कि अब मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में प्रियंका गांधी एक्टिव हो गई हैं। रविवार को प्रियंका गांधी ने रायबरेली में प्रचार किया और भाजपा पर राजधर्म भूलने का आरोप लगाते हुए आम आदमी की उपेक्षा का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे गांधी परिवार से दशकों पुराने अपने रिश्ते को न भुलाए। रायबरेली की कुल 6 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 2017 में कुल दो सीटें रायबरेली और हरचंदपुर की जीती थीं। रायबरेली में अखिलेश सिंह की बेटी अदिति को जीत मिली थी और अब वह भाजपा के साथ हैं। उनके पिता इस सीट से निर्दलीय और पीस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर भी जीते थे। साफ है कि यह सीट कांग्रेस से ज्यादा अदिति के परिवार का गढ़ है। इसीलिए भाजपा की संभावनाएं यहां मजबूत हैं। इसके अलावा हरचंदपुर से राकेश सिंह भी मजबूत उम्मीदवार हैं और भाजपा के पक्ष में जिले में बने माहौल ने उनकी दावेदारी को और पुख्ता किया है। इसके अलावा बछरावां, सरेनी, सलोन में भी भाजपा दोबारा अपनी जीत के लिए उतरी है। यही वजह है कि कांग्रेस को इस बार जिले में सूपड़ा साफ होने तक का खतरा नजर आ रहा है। रविवार को जिले के जगतपुर कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘यहां जब भी संकट होता था तो मेरे पिता यहां आया करते थे। मेरी दादी और मां ने भी यही किया। किसी से भी यहां पूछ लीजिए। वे आपके साथ खड़े रहे। भाजपा नेताओं की तरह नहीं किया, जो कोरोना संकट में छोडक़र भाग खड़े हुए।’