अखिलेश की हुंकार: बीजेपी को माफ नहीं साफ करना है

डेस्क। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज में सायं कार्यकताओं से भेंट के अलावा हंडिया और नौबस्ता में तथा प्रतापगढ़ में फूलपुर और कुण्डा क्षेत्र में सम्मेलनों को सम्बोधित किया। श्री यादव ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों से समाजवादी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा भाजपा को माफ नहीं साफ कर देना है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशियों को वोट डालने से भर्ती खुलेगी। वोट डालने से नौकरी मिलेगी। वोट डालने से ग्यारह लाख नौकरियों में भर्ती खुलेगी। राज्य कर्मचारियों शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन बहाल होगी। गरीब महिलाओं को वार्षिक 18 हजार रुपए पेंशन मिलेगी। इस बार समाजवादियों की सरकार बनते ही 3 माह में जातीय जनगणना कराकर सभी को सम्मान और हक दिलाएंगे। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार नौजवानों को देश सेवा के लिए मौका नहीं दे रही है। पुलिस और सरकारी नौकरियों पर ताले लगाकर बैठी है। सरकारी विभागों में 11 लाख पद खाली है। नौजवान नौकरी निकालने की मांग करता है तो मुख्यमंत्री गर्मी निकालने की बात करते हैं। भाजपा सरकार ने नौजवानों के भविष्य और सपने को बर्बाद कर दिया है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार में महंगाई और भ्रष्टाचार डबल हो गया है। भाजपा नेताओं के झूठ भी डबल हो गए है। छोटे नेता छोटा झूठ और बड़े नेता बड़ा झूठ बोलते हैं। श्री यादव ने कहा कि भाजपा के नेता साइकिल से घबरा गए हैं। भाजपा समाज को जातियों से लड़ाती है। समाजवादी सरकार में बिना भेदभाव विकास और सुरक्षा होगी। हर वर्ग की सुरक्षा होगी। कानून व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। भाजपा पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों का हक़ छीन रही है। बिना परीक्षा के केन्द्र सरकार आईएएस बना रही है। अब यूपी सरकार भी उसी रास्ते पर चलते हुए बिना परीक्षा के पीसीएस बनाने की तैयारी कर रही है। भाजपा बताएं कि केन्द्र में बिना परीक्षा के बनाए गए आईएएस में कितने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रयागराज इलाहाबाद को बदनाम किया। कुंभ मेले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। नौजवानों पर लाठीचार्ज हुआ। करोना कॉल में गंगा में हजारों लाशें बहा दी गई। बीजेपी सरकार ने जनता को अनाथ छोड़ दिया। प्रदेश की जनता और किसान भाजपा सरकार को इस बार साफ कर देंगी। उन्होंने कि यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने का है। किसानों की जमीन और फसलों को छीनने के लिए तीन काले कानून लाए। तीनों कानून के खिलाफ आंदोलन में लगभग 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। लेकिन भाजपा सरकार कानून वापस नहीं लिए। विधानसभा चुनाव में हार के डर से तीन काले कानून वापस लिए। भाजपा सरकार ने किसानों की कोई परवाह नहीं की।