सहारनपुर के सुमित को छोडऩा पड़ा घर-कारोबार : बोले, सच का साथ दे इंडिया

अमृतांशु मिश्र। यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे युद्ध के दौरान फंसे यूपी के सहारनपुर निवासी सुमित कपई ने भारत आकर राहत की सांस ली। कपई आज अपने पूरे सहित भारत लौट आये हैं। कपई ने बताया कि उनकी पत्नी यूक्रेन निवासी है और वहां हालात खराब होने के कारण उनको घर-कारोबार छोड़कर भारत लौटना पड़ा। 1994 से यूक्रेन में रह रहे कपई ने बताया कि रूस का प्रभाव वहां 2004 से ही बढऩा शुरू हो गया था और उसने अब हमला कर अपना प्रभाव जता दिया है। यूपी के सहारनपुर निवासी सुमित कपई ने कहा कि उनकी बेटी और बेटा पहली बार भारत आये हैं और यहां आकर उन्होंने राहत की सांस ली है। भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वह हंगरी बॉर्डर से स्वदेश लौटे हैं। यूक्रेन में तेल-गैस सेक्टर में नौकरी करने वाले कपई ने कहा कि यूक्रेन को लेकर भारत का रूख सही नहीं है। कपई का कहना है कि रूस के पक्ष में भारत का खड़ा होना सामरिक रूप से सही नहीं है। भारत को गलत चीज के लिए आवाज उठानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि भले ही भारत और रूस की दोस्ती है मगर वहां नागरिकों के साथ सेना मारपीट कर रही है इसका विरोध होना चाहिए था। कपई का कहना है कि यूक्रेन में सेना भारतीयों के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार कर रही है उनको बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। महिलाओं बच्चों तक को बंधक बनाया जा रहा है। कपई का कहना है कि खारकीव, कीव सहित कई शहरों में भारतीय फंसे हैं मगर उनको नहीं निकाला जा रहा है। भारत सरकार की रणनीति को लेकर कपई का कहना है ैैकि सरकार को कुछ प्रभावी कदम उठाना चाहिए क्योंकि विश्व में इसका गलत मैसेज जा रहा है।