युद्ध ने खाद्य तेलों में लगाई मंहगाई की आग

बिजनेस डेस्क। रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण बीते 10 दिन में ही गाजियाबाद जिले में खाद्य तेलों के दाम बढ़ गए हैं। खासकर रिफाइंड ऑयल के थोक दाम 50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं। वहीं, देसी घी में 100 रुपये प्रति किलो और डालडा के दाम में 50 रुपये प्रति किलो तक की तेजी आई है। महंगाई की मार दलहन पर भी पड़ी है। मध्यम वर्ग की रसोई के बजट पर इसका असर पडऩे लगा है। बाजार के जानकारों का कहना है कि दोनों देशों में युद्ध शुरू होने के दो दिन बाद से ही रिफाइंड, डालडा और देसी घी के दामों में तेजी आने लगी थी। शनिवार तक इनके दाम में बेतहाशा उछाल आया है। इससे थोक और फुटकर व्यापारी भी हैरान हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि होली से पहले थोक बाजार में तेलों की किल्लत होने की संभावना है। थोक बाजार में शनिवार को डिफाइन रिफाइंड की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर थी, जो 10 दिन पहले तक 128 से 130 रुपये प्रति लीटर थी । रिफाइंड फुटकर बाजार में पहले की अपेक्षा 60 से 70 रुपये प्रति लीटर महंगा बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति रही तो जल्द ही रिफाइंड और सरसों तेल 200 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। घंटाघर किराना बाजार के थोक व्यापारी संदीप बंसल ने बताया कि 10 दिन में रिफाइंड आयल के थोक के दाम में 50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। 400 रुपये प्रति किलो बिकने वाला देसी घी 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। डालडा के दाम में भी 40 से 50 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी एक सप्ताह में हुई है। वहीं, थोक बाजार में सरसों का तेल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। इससे फुटकर बाजार में सरसों तेल 180 से 190 रुपये प्रति लीटर हो गया है।