वोटिंग पर्चियों के मिलान को लेकर याचिका पर सुनवाई से इंकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मतगणना से पहले हर निर्वाचन क्षेत्र में पांच से अधिक मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पेपर पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन करने के लिए चुनाव आयोग के खिलाफ आदेश देने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। उत्तर प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार द्वारा दायर याचिका को भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था क्योंकि मतगणना केवल 48 घंटे दूर थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत को बताया कि याचिका एन चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत संघ में 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग कर रही थी, जहां कोर्ट ने चुनाव आयोग को पांच बेतरतीब (रैंडम) ढंग से चुने गए मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी पेपर पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।