अखिलेश का आरोप: बीजेपी का जनहित से लेना देना नहीं

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का जनहित और जनसमस्याओं से कुछ लेना देना नहीं है। विकास की अनदेखी और गांव-गरीब के प्रति घोर उपेक्षाभाव के चलते प्रदेश आज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। समय से तैयारी न करने के फलस्वरूप भाजपा सरकार में लोगों पर मुसीबतों के पहाड़ टूट रहे हैं। 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा करने वाली भाजपा सरकार में महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार के राज में खुदरा और थोक महंगाई दर 30 साल से सबसे ज्यादा है। रूपये की हालत रोज-ब-रोज खस्ता हो रही है। लोगों की आय से कई गुना खर्च बढ़ गया है। पूरी अर्थव्यवस्था सरकार के नियंत्रण से बाहर चंद पूंजीघरानों के नियंत्रण में चली गई है। भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हितों का संरक्षण बिना किसी संकोच के कर रही है जबकि जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार में हर दिन महंगाई का क्रूर चक्र लोगों को व्यथित कर रहा है। मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों का जीवनयापन कष्टकर हो गया है। पेट्रोल-डीजल के बाद ईंधन गैस महंगी हुई अब सीएनजी के 6 दिन में दो बार दाम बढ़ा दिए गए। आटा-दाल, चावल, सरसों का तेल, सब्जी, दवा-पढ़ाई ये सभी जेब पर भारी है। गरीबों का वोट हथियाने के लिए मुफ्त राशन वितरण का प्रलोभन दिया। अब गरीबों को राशन न देना पड़े इसलिए पात्र-अपात्र होने का डर दिखाकर उन्हें राशन से वंचित करने की भाजपा ने नई चाल चली है। विज्ञापनों में झूठा प्रचार करके शहरों और गांवों में बिना भेदभाव के निर्बाध बिजली देने का दम भरने वाली भाजपा आज जनता की नजऱों में अपनी साख खो चुकी है। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। लोग हाल-बेहाल है। ऐसे में गांवों में बमुश्किल आठ-दस घंटे बिजली आ रही है। खुद राजधानी लखनऊ के कई क्षेत्रों, यहां तक कि अस्पतालों में भी बिजली की आवाजाही से जनता में रोष बढ़ रहा हैं। कई जनपदों में सरकार के विरोध में प्रदर्शन भी हो चुके है। मण्डल व जिला मुख्यालयों मेें रोस्टर से विद्युत आपूर्ति भी मजाक बन गई है।