बोले मोदी: आपातकाल में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत में 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान ‘लोकतंत्र को कुचलने’ का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई और उदाहरण खोजना मुश्किल है, जहां लोगों ने लोकतांत्रिक तरीकों से ‘तानाशाही मानसिकता’ को हराया। रेडियो पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दिनों को याद किया और कहा कि उस दौरान सभी अधिकार ‘छीन’ लिए गए थे। देश में 25 जून 1975 को आपातकाल लागू करने की घोषणा की गई थी, जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। 21 मार्च 1977 को आपातकाल हटा लिया गया था। मोदी ने कहा, “आपातकाल के दौरान सभी अधिकार छीन लिए गए थे। इन अधिकारों में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार शामिल था। उस समय भारत में लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतों, सभी संवैधानिक संस्थाओं, प्रेस, सब को नियंत्रण में ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि सेंसरशिप इतनी सख्त थी कि बिना मंजूरी के कुछ भी प्रकाशित नहीं किया जा सकता था। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे याद है, जब प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की तारीफ करने से इनकार कर दिया था, तब उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था, उन्हें रेडियो पर आने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि कई प्रयासों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बावजूद लोकतंत्र में भारतीयों का विश्वास नहीं डगमगाया।