जनता ने सपा को नकारा: बीजेपी के पैर जमे

डेस्क। 23 जून को हुए आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में जनता ने सपा को पूरी तरह से नकार दिया है। दोनों ही सीटों पर भाजपा ने कमल खिलाया है। आजम खान का गढ़ कहे जाने वाले रामपुर में भाजपा ने साइकिल को पूरी तरह से पंचर कर दिया। भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने सपा सपा के आसिम रजा को 42 हजार से अधिक वोटों से हराकर यहां भगवा झंडा लहराया है। रामपुर में आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। 27 महीने जेल में रहने के बाद छूटे आजम खान ने चुनाव प्रचार में जमकर यूपी सरकार को कोसा था। इस दौरान उन्होंने अपने खिलाफ हुए मुकदमो से लेकर नवाब खानदान तक को घसीटा। इतना ही नहीं आजम ने मुस्लिम और इमोशनल कार्ड भी जमकर खोला था। इसके बाद भी सपा लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल नहीं कर सकी। सपा की हार के बाद रामपुर में अब हार के मायने भी निकाले जाने लगे हैं। रामपुर में सपा की हार के पीछे पांच बड़े कारण बताए जा रहे हैं। रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की दूरी को भी सपा की हार की एक बड़ी वजह मानी जा रही हैँ। लोकसभा उपचुनाव की घोषणा होने के बाद से अखिलेश ने उपचुनाव से दूरी बना रखी थी। अखिलेश किसी भी शहर में उपचुनाव के लिए प्रचार करने नहीं गए और न ही सपा का कोई बड़ा नेता प्रचार करने पहुंचा था। सपा की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में जो नेता शामिल थे उनमें से भी किसी ने प्रचार नहीं किया। अकेले आजम खान ने ही रामपुर में कमान संभाल रखी थी। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने सीएम से लेकर डिप्टी सीएम और कई मंत्रियों को मैदान में प्रचार के लिए उतारा था।