ईयर इंडर 2023 -योगी राज में इस साल माफिया के मकड़जाल से पूरी तरह से मुक्त हुआ उत्तर प्रदेश

लखनऊ दिसंबर। वर्ष 2023 उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मोर्चे पर काफी अहम साल साबित हुआ है। गैंगेस्टरों की 5775 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। यूपी को माफिया, अपराध और भयमुक्त प्रदेश बनाने के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का ही परिणाम रहा कि दशकों तक राज्य में आतंक का पर्याय रहे छोटे-बड़े सभी माफिया डॉन और उनका आपराधिक साम्राज्य पूरी तरह से मिट्टी में मिल चुका है। प्रदेश में व्यापारियों से रंगदारी ओर महिलाओं से छेड़खानी करने वाले तत्व या तो सलाखों के पीछे पहुंचा दिये गये या पुलिस मुठभेड़ में ढेर किये जा चुके हैं। इसके अलावा यूपी पुलिस को मजबूत बनाने के लिए इस साल 60 हजार से अधिक कांस्टेबल की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की गई है।

नेस्तनाबूद हुए माफिया, शोहदों की आई शामत, उद्योगों का बना फेवरेट डेस्टिनेशन
2023 माफिया मुक्त उत्तर प्रदेश के लिए जाना जाएगा। योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति ने प्रदेश के माफिया साम्राज्यों को नेस्तनाबूद कर दिया है। दशकों तक आतंक का पर्याय रहे यूपी के सबसे कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी को इस साल सबसे बड़ी चोट मिली है। माफिया मुख्तार को 2023 में एक के बाद एक 4 मामलों में सजा सुनाई गई है, जिसमें आजीवन कारावास जैसी अधिकतम सजा भी शामिल है। माफिया के आर्थिक 604 करोड़ से अधिक के साम्राज्य को भी पूरी तरह से मिट्टी में मिलाया जा चुका है। इसके अलावा प्रयागराज के अतीक गैंग का भी समूल विनाश हो चुका है। इन दोनों दुर्दांत माफिया के प्रयागराज और लखनऊ में स्थित अवैध कब्जों को मुक्त कराते हुए गरीबों के लिए आवास बनाए जा रहे हैं। वहीं माफिया विजय मिश्रा, अनुपम दूबे, सऊद अख्तर, धर्मेन्द्र व संजय सिंघला जैसे बड़े माफिया को योगी राज में कानून के जरिए उनके गुनाहों की सजा मिल चुकी है। बड़े माफिया के अलावा इलाकाई गुंडे-बदमाश और शोहदों के खिलाफ भी ताबड़तोड़ कार्रवाइयां हुई हैं। लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन होने के चलते देश और दुनिया की नामी कंपनियां अब यूपी में निवेश के लिए आ रही हैं और इसी साल फरवरी में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को अबतक 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।