बेखौफ अपराधी: निकाल रहे सरकारी दावों की हवा

rape1

योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के सदन से लेकर सार्वजनिक मंचों किए जा रहे दावों की बेखौफ अपराधी खिल्ली उड़ाने में लगे है। गंभीर बात तो यह है कि बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने में पेशेवर अपराधियों के साथ खाकी भी पीछे नहीं है। सीतापुर के महमूदाबाद की घटना तो कम से कम यही बयां करती है। इसी महीने की दस तारीख को सीतापुर जिले के महमूदाबाद कोतवाली में एक युवती का शव शौचालय में मिला। इस वारदात के मामले में पीडि़त पिता ने पुलिस पर गैंगरेप के बाद हत्या किये जाने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के बाकी जिलों में हो रही बलात्कार की घटनाओं के शोर में सीतापुर में पुलिस की कारगुजारी की बात तो आईगई हो गई लेकिन बलात्कार की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा। राजधानी लखनऊ से सटे जिले हरदोई में 20 अगस्त को 13 वर्षीय एक दलित लड़की से गैंगरेप कर दरिंदों ने उसकी आंखे निकाल कर उसकी निर्मम हत्या कर दी। आस-पास जिलों के अलावा 20 अगस्त को राजधानी में ही चलती कार में बेखौफ दरिंदों ने एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर लहूलुहान हालत में महानगर क्षेत्र में फेंक कर भाग निकले। इस तरह की घटनाओं को रोकने या उनमें कमी आने को लेकर भले बढ़चढ़ कर दावे किए जा रहे हो लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि अपराधी इतने बेखौफ है कि वे बलात्कार की घटना को अंजाम देने के बाद हत्या करने से भी नहीं चूकते। 20 अगस्त से पहले राजधानी में ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर सपा की सांसद डिंपल के निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज में ही एक पन्द्रह वर्षीय लड़की के साथ छह लोगों ने बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। लड़की की हालत नाजुक बताई जा रही है। इस तरह की घटनाओं पर पुलिस थ्योरी अपने हिसाब से गढ़ती है। जुलाई 2014 में लखनऊ के मोहनलालगंज थानान्र्तगत बलसिंहखेड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बलात्कार के बाद हत्या कर फेंकी गई महिला की लाश का पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में सूर्यास्त के बाद उसका अंतिम संस्कार कर इस को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया गया। इसी तरह अमीनाबाद निवासी विधि छात्रा गौरी श्रीवास्तव की हत्या के बाद उसके शव के कई टुकड़े कर बैग में भरकर पीजीआई क्षेत्र में फेंक दिया। इस कांड में पुलिस अफसर अपनी सफाई में एक मीट की दुकान पर गये और जानवर का आरी से पैर काटकर दिखाया कि ऐसे ही छात्रा को भी आरी से काटकर मारा गया। इस तरह की घटनाओं पर पुलिस अपनी सुविधानुसार तो कहानी गढ़ती ही है इस काम में डाक्टरों का ज्ञान औरों से कम नहीं है। वर्ष 2011 में इसी शहर के चिनहट स्थित निजामपुर मल्हौर गांव निवासी एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर बेरहम हत्यारों ने हत्या कर दी और डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में ऐलान कर दिया था कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ है। डॉक्टरों की विरोधाभासी पर दूसरे दिन क्षेत्रीय नागरिक सड़क पर आ गए और दोबारा पोस्टमार्टम किये जाने की मांग की। लिहाजा दूसरे दिन कब्र खुदवाकर शव का पोस्टमार्टम किया गया तो उसमें गैंगरेप के बाद हत्या किये जाने की पुष्टि थी। बाद में उस डाक्टर को संस्पेड कर दिया गया था।