नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का कहना है कि सरकार एफटीआईआई मामला सुलझाने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे कोई भी निर्णय पुणे गई तीन सदस्यीय टीम के लौटने के बाद ही लिया जाएगा। एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने आये राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि सरकार जल्द से जल्द मामले के सुलझने की उम्मीद कर रही है। हम चाहते हैं कि एफटीआईआई को मजबूत बनाया जाए। गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारी छात्रों की मांग पर राठौड़ ने कहा कि हाल की यह घटना केवल 2008 बैच के आकलन से संबंधित है। राठौड़ ने कहा कि दो दिन पहले हुई घटना जिसमें वहां पुलिस पहुंची और छात्रों गिरफ्तार किया गया। उन आठ घंटों में गजेंद्र चौहान का जिक्र भी नहीं हुआ। उन आठ घंटों में केवल 2008-2009 के बैच के आकलन पर रोक लगाने की ही बात कही गई। उन्होंने कहा कि वह पाठ्यक्रम जिसे तीन साल में पूरा होना था वह आठ साल में भी पूरा नहीं हुआ जिसकी वजह से ये परेशानी हुई। इसके चलते तीन सदस्यीय दल पुणे में है। उन्होंने कहा जब वह वापस लौट आएंगे तो छात्रों, संकाय और निदेशकों से हुई बातचीत के आधार कर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। राठौड़ ने कहा कि मूल्यांकन की प्रक्रिया इस सरकार द्वारा शुरू नहीं की गई थी। इसकी शुरूआत 2013 अप्रैल में हुई थी और इस बैच के छात्रों को कई चेतावनियां भी दी गईं थीं।