बाम्बे हाईकोर्ट का सवाल: राधे मां पर क्या की कार्यवाई

radhe-maa1
मुम्बई। बंबई हाई कोर्ट ने शहर की पुलिस से खुद को देवी का अवतार बताने वाली सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां के खिलाफ मिली शिकायतों को लेकर की गयी कार्रवाईयों की जानकारी मांगते हुए एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और न्यायमूर्ति शालिनी फनसलकर-जोशी की एक खंड पीठ ने वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट द्वारा दायर की गयी एक जनहित याचिका पीआईएल पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। पीआईएल में अश्लीलता, धोखाधड़ी और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों को लेकर राधे मां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी है। फाल्गुनी ने उपनगरीय बोरीवली पुलिस द्वारा कथित रूप से अपनी शिकायत पर कार्रवाई ना करने के बाद अदालत का रूख किया। राधे मां की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने दलील दी कि जनहित याचिका केवल प्रचार पाने के लिए दायर की गयी याचिका है और उसमें लगाए गए आरोप निराधार हैं। अभियोजक संदीप शिन्दे ने अदालत से कहा कि पुलिस ने फाल्गुनी का बयान दर्ज कर लिया है और अगर पुलिस को राधे मां के खिलाफ कुछ सामग्री मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी और पुलिस से एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने के लिए कहा।