नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिये चयनित 98 शहरों के नाम आज औपचारिक रूप से घोषित कर दिये गये हैं। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस सूची में 24 राजधानियां हैं। सूची में उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक 13 शहर शामिल हैं। स्मार्ट सिटी के निर्माण में राज्य और अर्बन अथॉरिटी की हिस्सेदारी 50-50 फीसदी होगी। सरकार इसमें प्रायवेट सेक्टर को भी ला सकती है। इस योजना के तहत प्रत्येक चयनित शहर को पांच साल तक केंद्र सरकार सालाना 100 करोड़ रुपये देगी। पहले चरण में 20 शहरों को विकसित किया जाएगा, फिर अगले दो सालों में बाकी शहरों का विकास किया जाएगा।
25 जून को केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी को लेकर गाइडलाइंस जारी करने के बाद सिटी कंपिटीशन चैलेंज के तहत राज्यों ने केंद्र सरकार को अपनी सूची दी है। गुरुवार को चयनित शहरों के नामों का ऐलान करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिये चयनित दो शहरों के नामों का ऐलान बाद में होगा। उन्होंने बताया कि चार चयनित शहरों की जनसंख्या 50 लाख से अधिक होगी।
नायडू ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य शहरी जीवन का स्तर बढ़ाना है। हमारा मिशन बहुत ही व्यावहारिक और वास्तविक है। मिशन को आगे ले जाने के लिये हमें लोगों की सहभागिता की आवश्यकता है। स्मार्ट सिटीज़ को स्मार्ट लोगों की आवश्यकता है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 13, तमिलनाडु के 12, महाराष्ट्र के 10, मध्य प्रदेश के सात, गुजरात और कर्नाटक के छह-छह, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के चार-चार, जबकि आंध्र प्रदेश, पंजाब और बिहार के तीन-तीन शहर शामिल हैं। प्रोजेक्ट के लिये घोषित 98 में से 24 शहर राजधानियां हैं, जो नौ राजधानियां प्रोजेक्ट लिस्ट में नहीं हैं उनमें इटानगर, पटना, शिमला, बेंगलुरु और कोलकाता शामिल हैं।
पोर्ट ब्लेयर ,विशाखापत्तनम तिरुपति, काकीनाडा, पसिघाट, असम, गुवाहाटी, मुजफ्फरपुर,भागलपुर, बिहार शरीफ, चंडीगढ़, रायपुर, बिलासपुर, डियू, सिल्वासा, नयी दिल्ली, पणजी, गांधीनगर, अहमदाबाद, सूरत, बड़ोदरा, राजकोट, दाहूद, करनाल, फरीदाबाद, धर्मशाला, रांची, मैंगलूरु, बेलागवी, शिवमोगा, हुबली-धारवाड़, टुमका कुरु, देवनगिरी, कोची, कावरती,भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, सतना, उज्जैन, नवी मुंबई, नासिक, थाने, ग्रेटर मुंबई, अमरावती, सोलापुर, नागपुर आदि कुल 98 शहर शामिल हैं।