बंगले पर पहुंचे निलंबित दारोगा को कप्तान ने भगाया

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लखनऊ। बहाल होने के लिये पैरवी करने पहुंचा निलंबित और बेशर्म दारोगा देवेंद्र दुबे को अंदाजा भी नहीं था कि उसे कई अधिकारियेां के बीच में कप्तान की डांट सुननी पड़ेगी। लेकिन आदत से मजबूर और चमचागिरी करने में माहिर दुबे के ऊपर कोई खास फर्क नहीं दिखाई पड़ा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कितना भी वह डांट सुने लेकिन वह फिर कप्तान के बंगले का चक्कर लगायेगा।
बता दें कि बुधवार को लगभग दो बजे निलंबित देवेंद्र दुबे कप्तान राजेश कुमार पांडेय के बंगले पर पहुंचा। बंगले पर मौजूद पीआरओ को अपना परिचय देते हुये देवेंद्र ने कप्तान से मिलने की इच्छा प्रकट की। पीआरओ ने उक्त जानकारी जब कप्तान को दी तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया। लेकिन बेशरर्मीकी हद तब पार हो गई जब देवेंद्र दुबे कप्तान के कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर झांकने लगा। कई बार ऐसी हरकत करने के बाद पीआरओ ने मना किया तो देवेंद्र से हल्की झड़प हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर कप्तान ने अंदर बुलाकर देवेंद्र दुबे को जमकर डांटा। कप्तान ने साफ तौर पर कहा कि यहां उसका क्या काम है वह क्यों यहां का चक्कर लगा रहा है। लेकिन देवेंद्र दुबे मौनी बाबा बनकर डांट को सुनता रहा। कप्तान के डांटने के बाद भी वह कमरे से बाहर नहीं निकला। उसकी इस हद को देखकर श्री पांडेय भी एक पल के लिये हैरान रह गये। फिलहाल कोई और चारा नहीं चला तो देवेंद्र ने अपने परिजनों की बीमारी का बहाना बनाते हुये कप्तान से बात करना प्रार भ किया। देवेंद्र दस दिन का अवकाश चाहता था। कप्तान राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि देवेंद्र दुबे बंगले पर उनसे मिला और परिजनों की बीमारी का बात बताकर दस दिन के अवकाश की मांग की। हालांकि निलंबित दारोगा को अवकाश नहीं दिया जाता है। लेकिन उसके काफी अनुरोध और मानवीयता के आधार पर दस दिनों का अवकाश दिया हूं।