रामचरित मानस भी हुआ डिजीटल: मोदी ने किया लाकार्पण

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नई दिल्ली। देश के डिजीटल पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस का भी डिजीटल संस्करण कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आकाशवाणी द्वारा तैयार की गई डिजीटल रामचरित मानस का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राम चरितमानस एक ऐसा चरितमानस है जिस पर किसी ने सवाल नहीं खड़ा किया है। यह ऐसा मानस है जो आज तक बना हुआ है। इसमें श्रीराम के चरित्र के माध्यम से बताया गया है कि आखिर परिवार किस तरह से बनते हैं। यह व्यक्ति को जीने की कला सिखाता है। मानव को इस धरती से जोडऩे का एक बड़ा काम है। वर्तमान में ऊं बोलने पर विवाद हो सकता है लेकिन रामचरित मानस पर किसी ने विवाद नहीं किया। 25 वर्ष की मेहनत के बाद यह संस्करण तैयार हुआ है। रामचरित मानस मर्यादा और संस्कार की शिक्षा देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामचरित मानस परिवार व्यवस्था का उत्तम उदाहरण है। यह किसी तरह से परिवार को आपस में जोड़कर रखता है इसका उत्तम उदाहरण है। रामचरित मानस आज भी जीवित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि आकाशवाणी की ताकत बहुत है। इसे मैंने अपने एक दौरे के अंतर्गत अनुभव किया। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के नेतृत्व में जो परमाणु परीक्षण किया गया उसका समाचार एक ढाबे वाले के माध्यम से रेडियो की मदद से मिली। इससे अधिक आनंदित करने वाली बात क्या है। यह एक आनंद की बात है कि गरीब होने के बाद भी एक व्यक्ति अपने दुकान की मिठाई मुफ्त में बांट रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भी आकाशवाणी के लिए चिंता की बात नहीं है। उसका काम है देश को जोड़कर रखना वह काम वह अच्छे से कर रहा है।
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गीता प्रेस को भी बचाइये मोदी जी
धार्मिक पुस्तकों के लिए एक पर्याय बन चुका यूपी के गोरखपुर में स्थित गीता प्रेस बंद हो चुका है। लोगों का कहना है कि मोदी को इस मामले में दखल देकर गीता प्रेस को बंद होने से बचाना चाहिए। हिंदुओं की इस प्रेस में काफी आस्था भी है और इस प्रेस ने अब तक करोड़ों धार्मिक पुस्तकें बिना किसी सरकारी मदद के छापी हैं।