मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को जमकर कोसा

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नई दिल्ली। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को केन्द्र की मोदी की सरकार पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की आपसी टसल के कारण पूरा मानसून सत्र हंगामें की भेंट चढ़ गया। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी मनमाने तरीके से देश चलाने का प्रयास कर रहे है। जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में केन्द्र में चल रही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और प्रतिपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस पार्टी के बीच भारी कटुता व राजनीतिक टकराव से देश के समक्ष संकट की एक अभूतपूर्व परिस्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे एक तरफ जहंा अपने देश का लोकतंत्र व यहां की संवैधानिक व्यवस्था दबाव का शिकार हो रही हैं, तो दूसरी तरफ यहां रहने वाले लगभग सवा सौ करोड़ लोगों का हित भी प्रभावित होता हुआ साफ नजर आ रहा हैै। इसी ही राजनीतिक टकराव व उससे उत्पन्न कटुता के कारण संसद का 18 दिन का मानसून सत्र भी नरेन्द्र मोदी की सरकार व कांग्रेस पार्टी की जिद व हठधर्मी एवं एक-दूसरे को जबर्दस्त तौर पर नीचा दिखाने की प्रवृत्ति के कारण हंगामे की पूरी तरह से बलि चढ़ गया। इससे देश की जनता भौंचक होकर तमाशा देख रही है कि आखिर यह सब क्या हो रहा है।
मायावती ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि विदेश दौरों में भी घरेलू राजनीति को घसीट कर व पिछली सरकारों की आलोचना करने की गलत परम्परा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार डालते जा रहे हैं, जिससे भी आगे चलकर देश के समक्ष नई समस्या खड़ी हो सकती है। वैसे इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा व कांगेस पार्टी एण्ड कम्पनी अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिये किस हद तक जनहित व देशहित की बलि चढ़ा सकते हैं।
मायावती ने सैनिकों के सम्बन्ध में कहा कि वन रैंक, वन पेन्शन का कानून बन जाने के बावजूद उसे लागू नहीं करके नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा इस बारे में भी चुनावी वायदा अभी तक भी नहीं निभाया गया है। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को माननीय उच्चतम न्यायालय में बार-बार फटकार व अवमानना भी झेलनी पड़ रही है। बीएसपी चीफ ने कहा कि सर्वसम्मति से सन् 2013 में बने नये भूमि अधिग्रहण कानून को सही तौर पर लागू होने से पहले ही इसमे एकतरफा व मनमाना संशोधन करके एक नया किसान-विरोधी कानून बनाने का पहले प्रयास किया गया और अब वस्तु एवं सेवाकर अर्थात जी.एस.टी. लागू करने का प्रयास उसी मुस्तैदी से किया जा रहा है, जबकि इस जी.एस.टी से असंगठित क्षेत्र के करोड़ों व्यापारियों का थोड़ा भी हित नहीं होने वाला है।
मायावती ने नई दिल्ली की प्रमुख सड़कों में से एक औरंगजेब रोड का नाम बदलकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर किये जाने के फैसले को गलत परम्परा की शुरूआत बताते हुये इस संकीर्ण सोच की निन्दा की। उन्होंने कहा कि मुगल शासक औरंगजेब व भारतरत्न अब्दुल कलाम दोनों ही अपने-अपने समय में खास महत्व रखने वाली शख्यित हैं और ऐसे एक व्यक्ति के नाम को हटाकर दूसरे व्यक्ति के नाम पर सड़क का नामकरण करना संकीर्ण मानसिकता को प्रदर्शित करता है व इससे देश की बदनामी भी होती है।