मणिपुर में और तेज हुई हिंसा की आग, आठ मरे

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इंफाल। मणिपुर के चूड़ाचंदपुर जिले में आगजनी, हिंसा और झड़पों में आठ लोगों की मौत होने और 31 अन्य के घायल होने के चलते माहौल गर्म है। घटना को नजर में रखते हुए वहां कफ्र्यू भी लगा हुआ है। विधानसभा में तीन विवादास्पद विधेयकों के पारित होने के चलते हिंसा हुई। इन विधेयकों के पारित किए जाने से आदिवासियों में रोष छा गया जिन्हें डर है कि भूमि पर उनके अधिकार बाहरी लोग छीन लेंगे। केंद्र ने हालात को बहुत तनावपूर्ण बताया है और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह को भरोसा दिलाया कि राज्य को सभी तरह की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। गृह राज्य मंत्री किरन रिजीजू ने दिल्ली में बताया कि मणिपुर में हालात बहुत तनावपूर्ण है। संकटग्रस्त इलाकों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। यदि जरूरत पड़ी तो हम और कदम उठाएंगे। केंद्र ने हालात को बहुत तनावपूर्ण बताया है और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह को भरोसा दिलाया कि राज्य को सभी तरह की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
केंद्र सरकार हालात से निपटने में पुलिस की मदद करने के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजेगी। सूत्रों ने बताया कि तीन लोग उस वक्त मारे गए जब पुलिस ने भीड़ पर गोलीबारी की जिसने चूड़ाचंदपुर थाना पर हमला कर दिया था। इन मौतों के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। पुलिस गोलीबारी में चार लोग घायल हो गए जिससे घायलों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। उन्हें चूड़ाचंदपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विधेयकों के पारित किए जाने के विरोध में आदिवासी छात्र संगठनों के किए गए बंद के आह्वान के दौरान पांच लोग मारे गए थे। पुलिस के मुताबिक मणिपुर के एक सांसद, राज्य में एक मंत्री और पांच विधायकों के आवास बंद के दौरान फूंक दिए गए थे।