जन्माष्टमी: रोहिणी नक्षत्र और अमृत सिद्धी योग होगा खास

Shree-Krishna
नोएडा। भगवान कृष्ण जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) का पर्व 5 सितम्बर को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसे लेकर देश भर के मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं, अलग-अलग धार्मिक संगठन भी मटकी फोड़ प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं।
जन्माष्टमी पर मंदिरों में झांकियों के दर्शन होंगे। इनमें विद्युत चलित सजीव झांकियां भी होंगी। इसके लिए कलाकार कई दिन से तैयारियों में जुटे हैं। आचार्य प्रदीप ने बताया कि पांच सितंबर को रात्रि 12.26 बजे से रोहिणी नक्षत्र और 3.56 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी। रोहिणी नक्षत्र छह सितंबर की रात्रि 12.10 बजे तक और अष्टमी तिथि तडके 3.02 बजे तक रहेगा। इसलिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर के सभी मंदिरों में इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 5 सितंबर को मध्य रात्रि में मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार (5 सितंबर) 24 घंटे रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस दिन तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों के अनुसार बहुत खास है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग के साथ कई अन्य शुभ योगों का संयोग भी रहेगा, यह पूजा व खरीदारी के लिए शुभ रहेगा। 50 साल बाद यह स्थिति बनी है। इस दिन अमृत तथा सर्वार्थसिद्धि योग का विशेष संयोग भी बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार धार्मिक कार्य व खरीदारी के लिए यह दिन श्रेष्ठ रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. संजय पाण्डे के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र व पंचागीय गणना के अनुसार इस बार जन्माष्टमी शनिवार के दिन वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में हर्षल योग, बालव करण तथा रोहिणी नक्षत्र में आ रही है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव करीब 90 प्रतिशत रहेगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का होना विशेष शुभ माना जाता है। क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ है। इस नक्षत्र में योगेश्वर श्रीकृष्ण का पूजन सुख-शांति तथा समृद्धि देने वाला माना गया है। साधना तथा नवीन वस्तुओं की खरीदी के मान से भी यह दिन सर्वोत्तम है। ऐसे बना दोहरा संयोग जन्माष्टमी पर शनिवार के दिन बालव करण के होने से अमृत तथा सर्वार्थसिद्धि को दोहरा संयोग बना है। यह दोनों योग शुभ कार्यों में सिद्धि देने वाले माने गए हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार,श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शनिवार को भाद्रपद, कृष्ण पक्ष, दिन शनिवार, तिथि सप्तमी युक्त अष्टमी नक्षत्र रोहिणी और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा। यह त्योहार रात्रि व्यापिनी है। रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने का विधान है। इस समय रोहिणी नक्षत्र व चंद्रमा का उच्च राशि वृषभ में होना पर्व की शुभता को बढ़ाएंगे। इस दिन सुबह 6.10 बजे से सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग शुरू होंगे जो रात 2 बजकर 5 मिनट तक रहेंगे।