प्रदर्शकारियों का आश्रय बनता जा रहा भाजपा कार्यालय: एसपी

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि विधान भवन के सामने स्थित भाजपा कार्यालय तथाकथित प्रदर्शनकारियों का आश्रय स्थल बनता जा रहा है। विधान भवन के सामने हुए हिंसक प्रदर्शन में भाग लेने वाले तमाम असामाजिक लोग इसी कार्यालय परिसर से निकलते और बाद में आगजनी तथा पथराव करने के बाद वहीं छुप जाते है। एक राजनैतिक दल का इस तरह अराजक गतिविधियों का केन्द्र बन जाना घोर आपत्तिजनक है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा वर्षो से सत्ता में आने के लिए छटपटाती रही है। लोकसभा चुनाव उसने छलबल से जीत लिया लेकिन अब उससे भी जनता का मोहभंग हो चला है। लोग समझ गए हैं कि उसक वादे झूठे हैं। प्रदेश की समाजवादी सरकार बनते ही भाजपा ने मुजफ्फरनगर में अशांति पैदा की, कांठ (मुरादाबाद) मेरठ, मथुरा, अयोध्या में कानून व्यवस्था बिगाडऩे की साजिशें रचीं। इसमें विफलता मिली तो अब राजधानी में अराजक तत्वों को बढ़ावा देने की नई तिकड़म शुरू हो गई है। इस कार्यालय से आम जनता के आवागमन में भी बाधा पहुॅचती है। भाजपा दफ्तर से अराजकता को बढ़ावा देने का कोई एक प्रयास नहीं हुआ। एक बार पहले भी इस कार्यालय से पुलिस बल पर हमला किया गया था। भाजपा दफ्तर में लाठी डंडे और पत्थर इक्ठ्ठे किए गए थे और प्रदर्शन के नाम पर हिंसक उपद्रव का कारनामा अंजाम दिया गया था। इस कार्यालय को तब वहां से स्थानान्तरित किए जाने की चर्चा भी हुई थी।
श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा दफ्तर की ओर से होने वाली हिंसक कार्यवाहियां दर्शाती है कि यह दल अब लोकतंत्र की मूलभूत अवधारणाओं से परे हट गया है। उसने जो रास्ता अपनाया है वह कानून व्यवस्था को चुनौती देने का है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के लिए प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने और जनधन की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाना बाध्यता होगी। कानून किसी को हिंसा और उपद्रव की छूट नहीं देता है। समाजवादी सरकार विकास के जिस रास्ते पर चल रही है उससे डिगाने के लिए ही भाजपा यह सब कर रही है। उसके पास अपनी विकास की कोई रूपरेखा तो है नहीं, वह सांप्रदायिक उन्माद और उपद्रव के रास्ते पर ही चलती है। जनता अब इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।