निर्भया कांड: मुजजिमों को 10-10 साल की अतिरिक्त सजा

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर के बहुचर्चित गैंगरेप और हत्या के मामले में सजा-ए-मौत पाए चार मुजरिमों को दिल्ली की एक अदालत ने डकैती के एक अलग मामले में दोषी ठहराया और आज सभी को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने सभी पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने 27 अगस्त को आरोपी अक्षय कुमार सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को धाराएं 395 (डकैती) एवं 365 (गोपनीय एवं गलत ढंग से बंधक बनाने के इरादे से अपहरण या अगवा करना) समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। न्यायाधीश ने कहा था घोषित अलग आदेश के जरिये आरोपी व्यक्ति उन सभी धाराओं में दोषी ठहराए जाते हैं, जिनके लिए उनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। सजा पर दलीलों के लिए इस मामले को दो सितंबर के लिए रखा जाए। फैसला सुनाये जाने के दौरान चारों मुजरिम अदालत में मौजूद थे। एक किशोर समेत छह व्यक्तियों ने 16 दिसंबर, 2012 को एक चलती बस में 23 साल की एक लड़की से गैंगरेप और उस पर नृशंस हमला करने से पहले एक बढ़ई के साथ मारपीट और लूटपाट की थी। लड़की की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को निचली अदालत ने गैंगरेप और हत्या के मामले में मृत्युदंड सुनाया था, जिस पर बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुहर लगायी थी। इन मुजरिमों की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।