अयोग्य शिक्षक को भी मिलेगा राष्ट्रपति पुरस्कार

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लखनऊ। शिक्षक दिवस पर दिल्ली में बुलंदशहर के ऐसे अध्यापक को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलेगा जो इस पुरस्कार का पात्र नहीं है। बुलंदशहर में 4 दिन पहले निलंबित हुए बीएसए महेशचंद्र ने शासनादेश और नियमों को ठेंगा दिखाकर प्रधानाध्यापक हुकम सिंह को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की सिफारिश की है। प्रधानाध्यापक हुकम सिंह के स्कूल के सारे छात्र पिछले वर्ष राष्ट्रपति पुरस्कार चयन समिति के अफसरों के टेस्ट में फेल हो गए थे, लेकिन बीएसए ने इस वर्ष भ्रष्टाचार की मलाई खाकर ऐसा कारनामा किया कि हुकम सिंह राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुन लिए गए हैं। हुकम सिंह को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में खुद राष्ट्रपति अपने हाथों से बेस्ट टीचर का पुरस्कार देगें, लेकिन अफसोस कि बुलंदशहर को इस उपलब्धि पर फक्र नहीं, शर्म आएगी। हुकम सिंह जिले के बेस्ट टीचर नहीं हैं यह बात खुद उस समिति की रिपोर्ट कहती है जो जिले में राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों का चयन करती है।
2014 की रिपोर्ट के आधार पर चयन समिति ने हुकम सिंह समेत 3 शिक्षकों का नाम रिजेक्ट किया था, लेकिन इस साल 25 फरवरी 2015 को चयन समिति के नाम पर बीएसए महेशचंद्र ने फर्जीवाड़ा करके सिलेक्शन की फाइल पर चयन समिति के अध्यक्ष डाइट प्राचार्य के फर्जी हस्ताक्षर किए और फाइल शासन को भेज दी।