सर्वे में लालू-नीतीश की तो निकल पड़ी

lalu nistish
चुनाव डेस्क। बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बीच इंडिया टीवी और सी वोटर के जनमत सर्वेक्षण में जदयू-राजद और कांग्रेस का महागठबंधन भाजपा के गठबंधन के मुकाबले आगे निकलता दिखाई दे रहा है। सर्वेक्षण में विधानसभा की 243 सीटों में महागठबंधन को 116 से 132 के बीच सीटें मिलने का अनुमान किया गया है। जबकि भाजपा के अगुआई वाले लोजपा, रालोसपा और मांझी के दल हम के गठबंधन को 94 से 110 सीट मिलने का अनुमान है। सर्वेक्षण के अनुसार अन्य दलों को 13 से 21 सीटें मिल सकती हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू के गठबंधन ने 206 सीटें जीती थीं। जबकि लालू प्रसाद और पासवान के गठबंधन को सिर्फ 25 सीटें मिली थीं। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में के हिसाब से एनडीए गठबंधन ने 174 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी। मोदी लहर में राजद और जदयू अलग-अलग लड़ते हुए सिर्फ 51 सीटों पर बढ़त बना सके। सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के सवाल पर 53 फीसदी ने नीतीश कुमार को पहली पसंद बताया है। जबकि 18 फीसदी ने भाजपा नेता सुशील मोदी को प्राथमिकता दी। सिर्फ पांच फीसदी ने लालू प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा को अपनी पसंद बताया। सी वोटर का कहना है कि सर्वेक्षण की पद्धति 243 सीटों पर 10,638 लोगों से बातचीत पर आधारित है। सर्वेक्षण अगस्त के आखिरी हफ्ते से सितंबर के पहले हफ्ते के बीच किया गया। इसमें प्रदेश स्तर पर (+3) या (-3) और क्षेत्रीय स्तर पर (+5) या (-5) प्रतिशत की त्रुटि हो सकती है। 56 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि मौजूदा चुनाव परिवर्तन के लिए है, जबकि 42 फीसदी इससे इत्तेफाक नहीं रखते। 52 फीसदी मुख्यमंत्री के चेहरे में बदलाव चाहते हैं, जबकि 48 फीसदी इसके खिलाफ हैं। 70 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा विधायक को बदलने की ख्वाहिश जताई। कौन सा दल या गठबंधन बिहार का विकास करेगा, इस सवाल पर 36 फीसदी ने भाजपा गठबंधन पर भरोसा जताया। जबकि 25 फीसदी ने लालू-नीतीश के गठबंधन की हिमायत की। 52 फीसदी ने बिहार की दुर्दशा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जबकि 35 फीसदी ने केंद्र पर दोष मढ़ा। महागठबंधन मेें लालू-नीतीश को 116 से 132 भाजपा गठबंधन को 94 से 110 अन्य दल को 13 से 21 सीट दी जा रही है।